दूरियां: एक मंच पर होने के बावजूद नजरें चुराते दिखे अजित और सुप्रिया, सर्द होते रिश्ते
- बारामती के बाद पुणे में अजित पवार और सुप्रिया सुले ने साझा किया मंच
- रूठ गई भाई-बहन की वाणी
- सूखने लगा रिश्तों का पानी
डिजिटल डेस्क, पुणे, लक्ष्मण खोत। तमाम प्रतिद्वंदिता के बावजूद दो दिन पहले जब एक समारोह में उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा एवं सुप्रिया सुले की मुलाकात हुई थी, तो बिना किसी गिले-शिकवे के दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया था। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही थी कि वारजे में अस्पताल के भूमिपूजन कार्यक्रम में अजित पवार और सांसद सुप्रिया सुले जब एक मंच पर होंगे, तो वे सियासी कटुता भुलाकर आपस में संवाद साधेंगे, लेकिन रविवार को दोनों एक दूसरे से नजरें चुराते नजर आए। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या पवार खानदान की खटास इतनी बढ़ गई है कि अब उसे भरा नहीं जा सकता। क्योंकि यह दूरी केवल अजित एवं सुप्रिया तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अजित एवं भतीजे रोहित पवार में भी जुबानी जंग तेज हो गई है।
सुप्रिया पर सवाल से बचते नजर आए अजित
पुणे के वारजे में महापालिका के मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल का रविवार को भूमिपूजन उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में किया गया। इस कार्यक्रम में अजित पवार एवं सुप्रिया सुले एक ही मंच पर मौजूद थे। पिछले हफ्ते भी बारामती में नमो महारोज़गार मेले में दोनों एक दूसरे से बचते नजर आए थे। दोनों ने आपस में एक दूसरे से संवाद नहीं किया। जब मीडिया ने उपमुख्यमंत्री से पूछा कि वे सुप्रिया से बात क्यों नहीं करते? जवाब में अजित ने कहा कि मीडिया के पास खबरों का अकाल होता है तो वे मुद्दों को छोड़ कर नेताओं की निजी जिंदगी में ताक-झांक करते हैं। उन्होंने कहा कि यदि आप मुद्दों से संबंधित प्रश्न पूछेंगे, तौ मैं उनका जवाब दूंगा।
वे व्यस्त लोग हैं: सुप्रिया सुले
मीडिया ने यही सवाल सुप्रिया से भी पूछा। उन्होंने कहा कि मुझे अजित पवार से बात करने का मौका नहीं मिला। उन्हें जाने की जल्दी थी। वे देर से आए और जल्दी चले गए। मैं समय पर आई थी। मेरे ठीक बाद फडणवीस आए, तो उनसे बातचीत करने का मौका मिला। अजित पवार का व्यस्त कार्यक्रम है, वे व्यस्त लोग हैं, इसलिए वे मिलना मुनासिब नहीं समझते।
रिश्तों पर जमी बर्फ कब पिघलेगी
पिछले कुछ दिनों से विधायक भतीजे रोहित पवार एवं चाचा अजित पवार के बीच भी आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। बारामती एग्रो कंपनी पर हुई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई के बाद रोहित ने चाचा अजित पर निशाना साधा। माना तो यही जाता था कि पवार खानदान में राजनीति का असर निजी संबंधों पर नहीं पड़ेगा। लोग इस परिवार की मिसाल पेश किया करते थे। पर वह अब बीते दिनों की बात हो गई है। देखते हैं पवार खानदान के रिश्तों पर जमी बर्फ कब पिघलेगी?