पुणे: मराठा आरक्षण को लेकर बार्शी के युवक ने पुणे में की आत्महत्या, चिट्ठी लिख कर बयां कर गया दर्द
- लिखा - मराठा आरक्षण मिले इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं
- ओबीसी नेताओं से की गुजारिश
डिजिटल डेस्क, पुणे। मराठा आरक्षण की भेंट एक और युवक चढ़ गया। वाघोली में रहनेवाले बार्शी के एक युवक ने मराठा आरक्षण के लिए फांसी पर झूल गया। आत्महत्या करने से पहले उसने बकायदा चिट्ठी लिख कर अपना दर्द बयां कर गया।
मराठा आरक्षण मिले इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं
यह घटना बुधवार सुबह जैसे ही सामने आई वाघोली के साथ ही पूरे पुणे में शोक की लहर फैल गई। मराठा आरक्षण की मांग और तेज हो गई। युवक का नाम प्रसाद देठे (मूल गांव बार्शी) है। वह निजी कंपनी में काम करता था। वाघोली के कटकेवाडी में वह रहता था। आत्महत्या से पहले लिखी चिट्ठी में उसने सिर्फ इतना ही लिखा है कि मराठा आरक्षण मिले, इसी उद्देश्य से वह आत्महत्या कर रहा है। उसकी मौत के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। उसके परिवार में पत्नी, बेटा और दो बेटी हैं। बेटा सेकेंड ईयर में पढ़ता है, एक बेटी 12वीं में है और दूसरी 9वीं में है।
ओबीसी नेताओं से की गुजारिश
आरक्षण को लेकर मराठा और ओबीसी समुदाय में जो संघर्ष चल रहा था, उससे वह आहत था। उसका मानना था कि मराठा समाज को ओबीसी से आरक्षण मिलना ही चाहिए। पंकजा ताई, भुजबल साहेब, हाके, शेंडगे, तायवाडे, टी.पी.मुंडे, गायकवाड हमें आरक्षण मिलने दें। जरांगे साहेब आरक्षण लिए बिना पीछे न हटें। चिऊ मुझे माफ करना… बच्चों का ध्यान रखना...है। हाथ कांप रहे हैं, इसलिए ऐसी लिखावट है।
पति का बलिदान व्यर्थ न जाए-पत्नी
पति की मौत से आहत पत्नी निर्मला प्रसाद देठे ने कहा आह्वान किया कि मराठा आरक्षण के लिए उनके पति ने जो बलिदान दिया है, वो व्यर्थ नहीं जना चाहिए। आज उनका पूरा परिवार बिखर गया। उसका अब कोई आधार नहीं।
मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाए
सकल मराठा समाज की ओर से राजस्व के मंडल अधिकारी संदीप झिंगाड़े, लोनिकंद पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक सावलाराम सालगावकार को एक ज्ञापन सौंपा गया। इसमें मांग की गई है कि घर के कमाऊ व्यक्ति के अचानक चले जाने से परिवार पर भूखे मरने की नौबत आ गई है। मृतक के बच्चों की पढ़ाई का सारा खर्च सरकार वहन करे। उन्हें सरकारी नौकरी दी जाए, साथ ही तत्काल आर्थिक मदद प्रदान की जाए।