यवतमाल में 18 दिनों में 24 किसानों ने की खुदकुशी; पवार ने जताई चिंता
चंद्रयान की सफलता की सराहना के साथ शरद पवार ने किसानों की आत्महत्या की ओर खींचा ध्यान
डिजिटल डेस्क, पुणे। विभाजन के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस के हाईकमान शरद पवार महाराष्ट्र के दौरे पर हैं और जगह जगह स्वाभिमान सभाएं कर रहे हैं। कल कोल्हपुर की सभा के बाद आज मीडिया से की गई बातचीत में उन्होंने चंद्रयान 3 की सफलता के लिए वैज्ञानिकों की सराहना की। साथ ही महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या के बढ़ते मामलों की ओर भी सरकार का ध्यानकर्षित करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि यवतमाल में मात्र 18 दिनों में 24 किसानों ने खुदकुशी की है, यह काफी चिंताजनक है।
पंडित नेहरू के कार्यकाल में देश में इसरो की स्थापना हुई थी। पंडित नेहरू से लेकर वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक सभी प्रधानमंत्रियों ने इसरो की सफलता में योगदान दिया। इसके चलते भारत ने सफलतापूर्वक अपना अंतरिक्ष यान चंद्रमा पर उतारा। चंद्रमा पर उतरने वाला अंतरिक्ष यान वहां के हालात की जानकारी लेगा। वह अध्ययन करेंगे कि वहां कितना पानी है, वहां खेती की जा सकती है या नहीं? चंद्रमा पर कितना सोना, कितनी चांदी, और कौन सी संपत्ति है? इस जानकारी से आपको समझ आ जायेगा। इस जानकारी के माध्यम से मानव जाति के और विकास को गति मिलेगी। नई ऊर्जा प्राप्त किए बिना मनुष्य जीवित नहीं रह पाएगा। यह कहते हुए कि इन वैज्ञानिकों को बधाई देना हमारी जिम्मेदारी है, शरद पवार ने चंद्रयान 3 मिशन की सफलता की सराहना की और वैज्ञानिकों को बधाई दी।
पवार ने कहा, एक तरफ ये स्थिति है तो दूसरी तरफ देश की जनता महंगाई, बेरोजगारी से त्रस्त रहने की तस्वीर है। चंद्रयान मिशन के लिए कोल्हापुर जिले के लोगों ने भी कड़ी मेहनत की। महाराष्ट्र के लोगों ने कड़ी मेहनत की है, लेकिन, दूसरी ओर नई पीढ़ी में बेरोजगारी का गुस्सा देखने को मिल रहा है। देश का मांग कर रहा है कि हम अपने हाथों को काम दें और हमारे काम का भुगतान करें। युवाओं की तरह किसान भी यही मांग कर रहे हैं। हमारे महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में 18 दिनों में 24 किसानों ने आत्महत्या कर ली है। जान देना कोई साधारण बात नहीं है, एक किसान परिवार की सारी ज़िम्मेदारियाँ छोड़कर अपनी जान देने को तैयार है, इसका मतलब है कि उसके जीवन में संकट है। संकट क्या है? लेकिन कृषि उपज को कोई कीमत नहीं मिलती। तो कर्ज बढ़ गया, ऋण का भुगतान नहीं किया गया है। तब किसान के इज्जत की धज्जियां उड़ जाती है इसलिए वह ऐसे कड़े कदम उठाते हैं। शरद पवार ने चंद्रयान मिशन के लिए देश की सराहना की लेकिन, उन्होंने दूसरा पक्ष रखते हुए बेरोजगारी और किसान आत्महत्या पर भी सरकार पर निशाना साधा।
इस दौरान शरद पवार ने कुछ दिन पहले अजीत पवार के साथ सत्ता में शामिल हुए अपने पुराने सिपहसलार दिलीप वलसे-पाटिल के कड़े शब्दों में दिए गए एक बयान पर भी संज्ञान लिया। दिलीप वलसे-पाटिल को शरद पवार का बहुत करीबी और भरोसेमंद माना जाता था। उन्होंने शरद पवार को लेकर बड़ा बयान दिया था। हालांकि इसके बाद वे उस बयान से तुरंत मुकर भी गए। इस पर राजनीतिक हलकों में कई प्रतिक्रियाएं आईं। वलसे पाटिल ने कहा था कि महाराष्ट्र की जनता ने एक बार भी अकेले शरद पवार के दम पर राष्ट्रवादी को पूर्ण बहुमत नहीं दिया। पवार एक बार भी पूर्ण बहुमत से मुख्यमंत्री नहीं बने। शरद पवार के बड़े नेता होने के बाद भी राष्ट्रवादी एक निश्चित संख्या तक नहीं पहुंच पाई हैm पार्टी के 60 से 70 विधायक चुने गए हैं और उन्हें किसी के साथ गठबंधन करना होगा। इस बारे में बात करते हुए शरद पवार ने सीधे तौर पर दिलीप वलसे-पाटिल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, मैं अपने दम पर महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बना, वह तीन बार। मैंने सबसे पहले पुलोद की स्थापना की और मुख्यमंत्री बना। मेरे नेतृत्व में दूसरी बार कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ा गया। हमने इसे जीत लिया, बहुमत आ गया, मैं मुख्यमंत्री बन गया। शरद पवार ने कहा कि जिन्हें अगर राज्य का पिछला इतिहास किसी को नहीं पता तो इस पर क्या टिप्पणी की जानी चाहिए।