नाराजगी: छगन भुजबल के खिलाफ मराठा समुदाय में भड़का आक्रोश

  • विरोध प्रदर्शन
  • भुजबल के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग
  • मराठा समुदाय में भड़का आक्रोश

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-13 13:44 GMT

भास्कर न्यूज़, पुणे। मराठा आरक्षण को लेकर जारी संघर्ष के बीच मराठा और ओबीसी समुदाय में तनाव की स्थिति उत्पन्न्न हुई है। उसी में राज्य सरकार के मंत्री छगन भुजबल ने मराठा आरक्षण के लिए लंबा अनशन करनेवाले मनोज जरानगे पाटिल की सभाओं पर हुए खर्च की जाँच की मांग कर इस विवाद को और भड़का दिया है। शुक्रवार को जरांगे-पाटिल की सभाओं के खर्च पर टिप्पणी करने वाले मंत्री भुजबल का कोल्हापुर के शिवाजी चौक पर पूरे मराठा समुदाय की ओर से विरोध किया गया। इस दौरान 'मराठाओं का अपमान करने वाले भुजबल का धिक्कार है', '2 हजार करोड़ का घोटाला करने वाले भुजबल का क्या करें' जैसे नारों से पूरा इलाका गूंज उठा। इस दौरान मराठा समुदाय के पदाधिकारियों ने भुजबल के पुतले को जूते मारकर उनके बयान की निंदा की गई।

मंत्री छगन भुजबल, जिन्होंने खुद 2000 करोड़ रुपये का घोटाला किया है, कोल्हापुर में पूरे मराठा समुदाय ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि दूसरों के तलवे चाटकर सत्ता में आने वाले भुजबल को मराठों की सहनशीलता की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए, क्योंकि यह उन्हें महंगा पड़ेगा। बाबा इंदुलकर ने कहा, करोड़ों रुपए का घोटाला करने वाले भुजबल अगर दोबारा जेल नहीं जाना चाहते तो उन्हें समय रहते समझदार हो जाना चाहिए, मराठा समाज की सहनशीलता का अंत नहीं देखना चाहिए, नहीं तो यह उन्हें महंगा पड़ेगा। इस अवसर पर विजय देवाने, बाबा परते, दिलीप देसाई, सुनीता पाटिल, लता जगताप, गीता हसुरकर, कल्पना शेलार, पद्मावती पाटिल, किसन कल्याणकर, जयकुमार शिंदे उपस्थित थे।

इस विरोध प्रदर्शन में मांग की गई है कि, मंत्री छगन भुजबल ने मनोज जरांगे-पाटिल की सभाओं के खर्च की जाँच की मांग और ओबीसी समुदाय को एक साथ आने का आह्वान कर दोनों समुदायों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश की है। भुजबल, जो एक मंत्री हैं, ने इस तरह के बयान देकर कानून और व्यवस्था का उल्लंघन किया है। मराठों और ओबीसी के बीच नफरत के बीज बो कर दुश्मनी फैलाने की कोशिश की है। उनके इस भड़काऊ बयान ने मंत्री पद की शपथ का उल्लंघन किया है। इसलिए पूरे मराठा समाज की ओर से लक्ष्मीपुरी पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक अविशान कावठेकर को पेश किये एक ज्ञापन के जरिये मांग की गई कि छगन भुजबल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 166, 153-ए, 103, 104 के तहत मामला दर्ज किया जाए।

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