पुणे: कार्यस्थलों पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकने प्रशासन हुआ गंभीर, समिति गठिन का आदेश

  • यौन उत्पीड़न रोकने प्रशासन हुआ सख्त
  • सरकारी और निजी संस्थानों में महिला यौन उत्पीड़न पर सख्ती
  • अधिनियम के तहत एक समिति गठित करने के आदेश

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-17 16:23 GMT

डिजिटल डेस्क, पुणे। कार्यस्थलों में महिला कर्मचारियों का यौन उत्पीड़न रोकने को लेकर प्रशासन ने गंभीर रुख अपनाया है। असल में दस या उससे अधिक महिला कर्मचारी कार्यरत रहनेवाले सरकारी एवं निजी कार्यस्थलों पर महिलाओं के लिए अलग से शिकायत निवारण समिति गठित करना कानूनतः अनिवार्य हैं। हालांकि कई प्रतिष्ठान इसे लेकर गंभीर नहीं है और इस तरह की समिति गठित करने में आनाकानी कर रहे हैं। इसे ध्यान में लेकर जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी कार्यालय ने पुणे जिले में दस या अधिक कर्मचारियों वाले सरकारी एवं निजी प्रतिष्ठानों में व्यवसाय करने वाली महिलाओं के यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए शिकायत की जांच करने और उत्पीड़न करने वाले को दंडित करने के लिए आंतरिक शिकायत निवारण समिति का गठित करने के निर्देश दिए हैं।

कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के अनुसार, सभी सरकारी कार्यालयों, स्थानीय प्राधिकरण कार्यालयों, निजी कार्यालयों के साथ-साथ संस्थानों, संघों, बोर्डों, कंपनियों, कारखानों, अस्पतालों, स्कूलों, कार्यालयों के प्रधानों, कॉलेजों, होटलों, दुकानों, बैंकों आदि के कार्यस्थलों, जहां दस या उससे अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, के मालिकों को एक समिति बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाना चाहिए। इस कानून के तहत समिति का गठन नहीं करने वाले कार्यालय प्रधानों, मालिकों पर 50 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। इस ओर ध्यानाकर्षित करते हुए जिला महिला व बाल विकास विभाग ने सभी प्रतिष्ठानों को आंतरिक शिकायत निवारण समिति गठित करने के निर्देश दिए हैं।

इस बारे में पुणे जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी मोनिका रंधवे ने एक विज्ञप्ति के जरिए सरकारी और निजी प्रतिष्ठानों को सूचित किया है कि, उक्त अधिनियम की धारा 19 बी के अनुसार, कार्यालय के सामने आंतरिक शिकायत समिति की स्थापना के संबंध में एक बोर्ड लगाया जाना चाहिए। उसमें कार्यालय का नाम, संपर्क नंबर, शिकायत निवारण समिति की स्थापना की क्रम संख्या और तारीख, शिकायत निवारण समिति के अध्यक्ष और सदस्यों के नाम, पता, संपर्क नंबर, शिकायत निवारण समिति की ई-मेल आईडी, विभिन्न धाराओं के तहत जुर्माना और दंड बोर्ड पर अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए समिति के नोडल अधिकारी का भी उल्लेख किया जाना चाहिए। ऐसा बोर्ड कार्यालय के सामने लगाया जाना चाहिए और इसकी रिपोर्ट जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी के कार्यालय में प्रस्तुत करने के आदेश भी दिए हैं।

कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 नियम और अधिनियम के मैनुअल https://wcd.nic.in पर उपलब्ध हैं। अधिक जानकारी के लिए जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, 29/2, गुलमर्ग पार्क सहकारी आवास सोसायटी, तीसरी मंजिल, जाधव बेकर्स के पास, सोमवार पेठ, पुणे - 411011, ईमेल-lcpune2021@gmail.com पर भी जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी से संपर्क करने की अपील भी रंधवे ने की है।

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