पन्ना: खुले बोरवेल से होने वाली दुर्घटनाओं पर बोरवेल मालिक होंगे जिम्मेदार, नलकूप खनन एजेंसी को पोर्टल पर पंजीयन अनिवार्य
- खुले बोरवेल से होने वाली दुर्घटनाओं पर बोरवेल मालिक होंगे जिम्मेदार
- नलकूप खनन एजेंसी को पोर्टल पर पंजीयन अनिवार्य
डिजिटल डेस्क, पन्ना। शासन द्वारा अनुपयोगी एवं खुले नलकूप, बोरवेल एवं ट्यूबवेल से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए नवीन गाइडलाइन जारी की गई है जिसके तहत अब किसी दुर्घटना पर बोरवेल मालिक जिम्मेदार होंगे। छोटे बच्चों के बोरवेल में गिरने से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम के उद्देश्य से नलकूप खनन एजेंसी एवं बोर मालिकों को उत्तरदायी बनाते हुए गाइडलाइन जारी की गई है। कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड पन्ना महेन्द्र सिंह ने बताया कि पूर्व से खुले पड़े नलकूप, बोरवेल, ट्यूबवेल को मिट्टी, रेत, मुरम इत्यादि से जमीन की सतह तक भरने की जवाबदारी संबंधित बोरवेल मालिक की होगी जिसकी भूमि पर नलकूप है। इसी तरह नवीन खनित खुले पडे नलकूप एवं बोरवेल को भरने की जवाबदारी संबंधित नलकूप खनन एजेंसी की तय की गई है।
बताया गया है कि जिन नलकूपों में जल क्षमता प्राप्त न होने, कम प्राप्त होने या जिन नलकूपों में केसिंग नहीं डाली जाती है उनको भी जमीन सतह तक भरने की कार्यवाही संबंधित नलकूप खनन एजेंसी को करनी होगी। किसी संस्था या विभाग द्वारा नलकूप खनन के बाद असुरक्षित स्थिति में छोडने की स्थिति में प्रथम उल्लंघन पर 10 हजार रूपए का अर्थदण्ड अधिरोपित किया जाएगा। साथ ही खुले नलकूपों के भरने में लगने वाली सामग्री के वास्तविक व्यय की पूर्ति संबंधित खनन एजेंसी से की जाएगी और पुन: उल्लंघन पर सामग्री व्यय की पूर्ति के साथ ही 25 हजार रूपए का अर्थदण्ड लगाया जाएगा। सभी शासकीय व निजी मशीनों का पंजीयन म.प्र. राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम द्वारा विकसित पोर्टल पर कराना भी अनिवार्य किया गया है। नलकूप खनन करने वाली एजेंसी को नलकूप खनन के बाद विकसित पोर्टल पर लोकेशन व एजेंसी का नाम भी दर्ज करना होगा। नलकूप में केसिंग डाले जाने पर नलकूप में कैप लगाकर नट बोल्ट से केसिंग में फिक्स कर 0.5 गुणा 0.5 गुणा 0.6 मीटर के साइज का सीमेंट-कंक्रीट ब्लॉक बनाना भी जरूरी है।
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