25 को जिला परिषद का बजट : जिप ने जिलाधिकारी, पुलिस प्रशासन से मांगी राय

25 को जिला परिषद का बजट : जिप ने जिलाधिकारी, पुलिस प्रशासन से मांगी राय

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-20 07:36 GMT
25 को जिला परिषद का बजट : जिप ने जिलाधिकारी, पुलिस प्रशासन से मांगी राय

 डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला परिषद का बजट 24 मार्च को आमसभा में पेश किया जाएगा। प्रशासन बजट बनाने की तैयारी में जुटा हुआ है। सभी विषय समितियों ने बैठक लेकर बजट का प्रारूप तैयार कर रखा है। धारा 144 लागू होने से आमसभा ली जा सकती है या नहीं, इसे लेकर जिला परिषद प्रशासन पसोपेश में है। जिप प्रशासन ने जिलाधिकारी तथा पुलिस प्रशासन को पत्र लिखकर इस विषय पर राय मांगी है।

सभी सदस्यों को दी जा चुकी है सूचना
जिप में सत्ता परिवर्तन के बाद पहला बजट पेश होगा। आमतौर पर जिला परिषद का बजट फरवरी में पेश किया जाता है। इस बार जनवरी-फरवरी जिला परिषद चुनाव, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा विषय समितियों की चुनाव प्रक्रिया और सभापतियों के विभागों के बंटवारे में निकल गया। विभागों के बंटवारे होने के बाद विषय समितियों ने अपने-अपने विभाग का बजट तैयार कर वित्त समिति के पास भेजे हैं। वित्त विभाग बजट बनाने की तैयारी में जुट गया है। 24 मार्च को बजट पेश करने आमसभा की तारीख तय की गई है।

सदस्यों को भी सूचना दे दी गई है। अब कोरोना के कारण धारा 144 लागू कर सभी सार्वजनिक, धार्मिक, राजनीतिक कार्यक्रम, धरना, प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है। पांच से अधिक लोग एकत्रित हो नहीं सकते हैं। जबकि जिला परिषद के 58 सदस्य, 13 पंचायत समितियों के सभापति, सभी विभागों के अधिकारी आमसभा में एकत्रित होंगे। ऐसे में आमसभा को लेकर जिप प्रशासन के सामने पेंच खड़ा हो गया है। इसलिए जिप के सामान्य प्रशासन विभाग ने जिलाधिकारी तथा पुलिस प्रशासन को पत्र भेजकर राय मांगी है। 

पिछले वर्ष 7 फरवरी को पेश हुआ था बजट
पिछले वर्ष तत्कालीन वित्त समिति सभापति उकेश चौहान ने 7 फरवरी को बजट पेश किया था। वह उनका पांचवां बजट था। बजट में 36 करोड़, 56 लाख 14508 रुपए के विविध विकास कार्यों का प्रावधान किया गया था। शिक्षण, लोकनिर्माण, ग्रामीण जलापूर्ति और समाज कल्याण विभाग को बजट में सर्वाधिक निधि का प्रावधान किया गया था। वित्तीय वर्ष 2018-2019 के मुकाबले वर्ष 2019-2020 के बजट में 1 करोड़ की कटौती की गई थी। 

करोड़ों रुपए नहीं हुए खर्च
पिछले वर्ष के बजट का करोड़ों रुपए निधि खर्च नहीं हो पाया। महिला व बाल कल्याण विभाग का 1 करोड़, 2 लाख, स्वास्थ्य विभाग का 1 करोड़, पशु संवर्धन विभाग का 74 करोड़, सिंचाई विभाग का 1 करोड़, 31 लाख, शिक्षा विभाग का 41 लाख 50 हजार रुपए निधि खर्च नहीं हुआ है। समाज कल्याण विभाग की सर्वाधिक निधि खर्च हुई। केवल 6 लाख रुपए खर्च होना बाकी है।

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