वर्धा के 15 जलाशय सूखे पड़े, मात्र 22.72 % बारिश दर्ज
वर्धा के 15 जलाशय सूखे पड़े, मात्र 22.72 % बारिश दर्ज
डिजिटल डेस्क, वर्धा। जून माह में कभी हल्की तो कभी रिमझिम बारिश हुई। अब जुलाई माह समाप्त होने में एक सप्ताह बाकी है। ऐसे में बारिश के इन 55 दिनों में जिले के जलाशयों की स्थिति काफी बिकट है। 15 जलाशयों में से 5 जलाशय सूख गए हैं। मौसम विभाग ने जिले में अब तक 22.70 फीसदी बारिश दर्ज की है। बता दें कि, 7 जून तक राज्य के लगभग सभी विभागों में बारिश होती है। लेकिन इस वर्ष चक्री तूफान से महाराष्ट्र के सभी विभागों को बारिश के इंतजार में लगभग 20 जून तक राह देखनी पड़ी। किसानों ने हल्की बारिश में ही बुआई शुरू कर दी। बुआई के बाद बारिश ही नहीं हुई। अंकुरित बीज मुरझा गए। लगभग जिले पर दुबारा बुआई का संकट मंडरा रहा है।
इस सप्ताह जिले में 18 जुलाई को पुलगांव, देवली, परिसर में रिमझिम बारिश हूई। इसके बाद रविवार 21 जुलाई की शाम को जमकर बारिश हुई। बारिश के इन 55 दिनों में वर्धा में 16.35 फीसदी बारिश दर्ज की गई। सेलू तहसील में 26.93 फीसदी, देवली तहसील में 20.74 फीसदी, हिंगणघाट तहसील में 22.96 फीसदी, समुद्रपुर तहसील में 21.12 फीसदी, आर्वी तहसील में 23.35 फीसदी, आष्टी तहसील में 25.73 फीसदी, कारंजा तहसील में 24.56 फीसदी जिले में कुल 22.70 फीसदी बारिश मौसम विभाग ने दर्ज की है।
15 में से 5 जलाशयों में पानी ही नहीं
जिले में सिंचाई करने और बारिश का पानी रोकने के लिए जलापूर्ति विभाग की ओर से छोटे बड़े 15 जलाशय का निर्माण किया गया। धाम प्रकल्प, पंचधारा प्रकल्प, मदन प्रकल्प, मदन उनाई प्रकल्प, सुकली वीर लघु प्रकल्प ये 5 जलाशय 55 दिनों के बाद भी सूखे पड़े हैं। बारिश का मौसम अब सिर्फ आधा बचा है। लेकिन जिले के 5 जलाशयों में से अब तक एक भी जलाशय में 50 फीसदी तक जल जमा नहीं हुआ है।
बढ़ सकती हैं मुश्किलें
बारिश के दो माह खत्म होने के लिए 8 दिन बाकी है। ऐसे में जिले में सिर्फ 22.70 बारिश दर्ज हुई है। साथ ही जिले में महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण ने शहर से सटे 11 ग्रामपंचात की जलापूर्ति अनिश्चितकाल के लिए रोक दी है। शहर में टैंकर से जलापूर्ति करने की नौबत आ गई है। ऐसे में आनेवाले 2 माह में अच्छी बारिश नहीं हुई तो भविष्य में जलसंकट और भी तीव्र हो सकता है।