शरद पवार को उम्मीद महाराष्ट्र में नहीं आएगा सियासी भूकंप, आठवले का दाव- आकर रहेगा

शरद पवार को उम्मीद महाराष्ट्र में नहीं आएगा सियासी भूकंप, आठवले का दाव- आकर रहेगा

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-11 15:09 GMT
शरद पवार को उम्मीद महाराष्ट्र में नहीं आएगा सियासी भूकंप, आठवले का दाव- आकर रहेगा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है कि मुझे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ पर पूरा भरोसा है। उन्होंने मध्यप्रदेश में आए राजनीतिक संकट के मामले में कांग्रेस का बचाव करते हुए कहा कि चुनाव हारे नेता को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देना किसी भी राजनीतिक दल के लिए मुश्किल होता है। पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में मध्यप्रदेस जैसी स्थिति नहीं आएगी और ठाकरे सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। बुधवार को विधानभवन में राज्य सभा चुनाव के लिए नामांकन के लिए आए पवार विधानभवन स्थित पत्रकार कक्ष में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में राजस्थान जैसी स्थिति नहीं आने वाली है। महा विकास आघाडी सरकार पूरे पांच साल चलेगी। उन्होंने कहा कि मुझे कमलनाथ पर पूरा भरोसा है। 

यह पूछे जाने पर कि क्या इस परिस्थिति के लिए कांग्रेस नेतृत्व जिम्मेदार है? पवार ने कहा कि चुनाव में हार का सामना कर चुके नेता को महत्वपूर्ण जिम्मेदारा देना किसी भी राजनीतिक दल के लिए मुश्किल होता है। उनका इशारा ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरफ था। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद सिंधिया मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री या प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद चाहते थे। पवार ने कहा कि देखते है मध्यप्रदेश में क्या चमत्कार होता है। 

मुस्लिम आरक्षण पर फैसला नहीं

मुस्लिम आरक्षण की बाबत पवार ने कहा कि इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। इस बारे में तीनों दलों की समन्वय समिति में चर्चा होगी। समन्वय समिति में अभी तक इस बारे में कोई चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर हमारी भूमिका अलग-अलग नहीं है। यस बैंक के वित्तिय संकट के सवाल पर पवार ने कहा कि यह सब एक दिन में नहीं हुआ है। इसको लेकर केंद्रीय वित्त मंत्रालय को जवाब देना होगा। कोरोना वायरस के चलते आईपीएल टालने के सवाल पर पवार ने कहा कि कोराना के मद्देनजर भीड़-भाड़ से बचने की जरुरत है। 

राऊत ने कहा महाराष्ट्र में नहीं घुस पाएगा मध्य प्रदेश का वायरस

मध्य प्रदेश में पैदा हुए राजनीतिक संकट के बीच महाराष्ट्र के राजनीतिक हलकों में भी बदलाव को लेकर चर्चा शुुरु हो गई है। हालांकि शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार सुरक्षित है और ‘मध्य प्रदेश वायरस" पश्चिमी राज्य में प्रवेश नहीं करेगा। राऊत ने बुधवार को ट्विट किया कि ‘महाराष्ट्र का ‘पॉवर’ अलग है। एक आपरेशन 100 दिन पहले फेल हो चुका है। इसके बाद महाराष्ट्र विकास आघाडी ने बायपास आपरेशन कर महाराष्ट्र को बचा लिया।’ उन्होंने कहा कि ‘मध्यप्रदेश का वायरस महाराष्ट्र में नहीं घुस पाएगा। चिंता की कोई बात नहीं।’  

महाराष्ट्र में आएगा राजनीतिक भूंकपः आठवले

उधर विपक्षी दल के नेताओं में जहां ‘अच्छे दिन’ की उम्मीद बढ़ी है वहीं सत्ताधारी दल के नेताओं को लगता है कि यहां मध्यप्रदेश के राजनीतिक उठापटक का कोई असर नहीं होने वाला है। इस बीच केंद्रीय राज्यमंत्री रामदास आठवले ने कहा है कि मध्य प्रदेश की तरह महाराष्ट्र में भी जल्द राजनीतिक भूकंप आएगा। बुधवार को आठवले ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि अब कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ चुकी है इस लिए उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि अब मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बनेगी और जल्द ही इसी तरह का राजनीतिक भूकंप महाराष्ट्र में भी आएगा।

गुडीपाडवा पर बदलाव की आहट!

मध्यप्रदेश के घटनाक्रम से उत्साहित महाराष्ट्र के भाजपा नेताओं का उम्मीद है कि मध्य प्रदेश में आपरेशन लोटस सफल होने के बाद पार्टी नेतृत्व अब महाराष्ट्र में ध्यान केंद्रीत करेगी। पार्टी के एक नेता ने कहा कि होली में मध्यप्रदेश में राजनीतिक भूकंप के बाद महाराष्ट्र के प्रमुख त्यौहार गुडीपाडवा पर यहां भी बदलाव की आहट सुनाई देगी। हालांकि सत्ताधारी दल के नेता इसे भाजपाईयों का दिवास्वप्न बता रहे हैं। शिवसेना नेता व राज्य के उच्च-तकनीकी शिक्षामंत्री उदय सामंत ने कहा कि मध्यप्रदेश के वायरस को महाराष्ट्र में कतई घुसने नहीं दिया जाएगा। ज्योतिरादित्य के बाद गांधी परिवार के करीबी एक और नेता के पार्टी छोड़ने की चर्चा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवडा भी कांग्रेस से नाता तोड़ सकते हैं। हालांकि अभी तक  वे चुप्पी साधे हुए हैं। मिलिंद कांग्रेस के टिकट पर राज्यसभा जाना चाहते हैं। पर कांग्रेस से उन्हें उम्मीदवारी मिलनी मुश्किल दिखाई दे रही है। हालांकि भाजपा ने भी महाराष्ट्र से अपने दोनों उम्मीदवारों के नाम घोषित कर चुकी है।             

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