हार्ट के ऑपरेशन का नहीं दिया स्टार हेल्थ इंश्योरेंस ने क्लेम

बीमित का आरोप: नियम में आने के बाद भी किया जा रहा गोलमाल हार्ट के ऑपरेशन का नहीं दिया स्टार हेल्थ इंश्योरेंस ने क्लेम

Bhaskar Hindi
Update: 2022-07-16 12:05 GMT
हार्ट के ऑपरेशन का नहीं दिया स्टार हेल्थ इंश्योरेंस ने क्लेम

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। पॉलिसीधारक का क्लेम किस आधार पर रोकना और केस कैसे रिजेक्ट करना यह पूरा गोलमाल क्लेम डिपार्टमेंट व सर्वेयर टीम के साथ ही ब्रांच के अधिकारियों के द्वारा पहले से तय कर लिया जाता है। यह आरोप बीमितों के द्वारा लगाया जा रहा है। बीमा कंपनी में सारे तथ्य देने के बाद भी बीमा कंपनी के जिम्मेदार पॉलिसीधारक को भटकाने व आश्वासन के बाद नो क्लेम का लैटर भेजकर शांत बैठ जाते हैं। बीमित बीमा कंपनी को मेल भेजे या फिर टोल फ्री नंबर पर बात करें तो भी बीमा कंपनी के अधिकारी किसी तरह का जवाब नहीं देते हैं। अपना व परिवार का बीमा कराने वाले अब बीमा कंपनी के जिम्मेदारों के विरुद्ध जालसाजी का मामला दर्ज करने की माँग कर रहे हैं। पीड़ितों का कहना है कि अगर कंपनियों के विरुद्ध कार्रवाई होती है तो आम लोगों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा और आसानी से उन्हें क्लेम का भुगतान प्राप्त होने लगेगा।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ 

इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर के मोबाइल नंबर -9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

पुरानी बीमारी का हवाला देकर क्लेम किया रिजेक्ट, पॉलिसी भी की बंद

कटनी माधव नगर निवासी किशन तीरथानी ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से स्वास्थ्य बीमा कराया हुआ था। बीमा कराते वक्त एजेंट व ब्रांच के अधिकारियों ने कहा था कि हमारी कंपनी प्रत्येक बीमारी का क्लेम देती है। वे लंबे समय से बीमा कराते हुए आ रहे हैं। नियम के अनुसार उन्हें सारा लाभ मिलना था, पर बीमा कंपनी उन लाभों को देने से इनकार कर रही है। पीड़ित का आरोप है कि उनके भाई रमेश को हार्ट में दिक्कत होने के कारण वे हैदराबाद लेकर गए और वहाँ पर पूरा इलाज अपने भाई का कराया। वहाँ पर बीमा पॉलिसी क्रमांक पी/201122/01/2021/006545 का कैशलेस कार्ड दिया तो बीमा कंपनी के द्वारा यह कहा गया था कि इलाज के बाद बिल सबमिट करने पर पूरा भुगतान नियमानुसार किया जाएगा। इलाज में लाखों रुपए किशन ने अपने भाई के लिए खर्च किए और ठीक होने के बाद बीमा कंपनी में बिल सबमिट किया गया तो बीमा कंपनी के क्लेम डिपार्टमेंट व सर्वेयर टीम के सदस्यों ने अनेक प्रकार की क्वेरी निकालीं। क्वेरी को सत्यापित कराकर पॉलिसीधारक द्वारा जमा किया गया तो पुरानी बीमारी का हवाला देकर क्लेम रिजेक्ट कर दिया गया और उसके बाद पॉलिसी भी क्लोज कर दी गई। पीड़ित का आरोप है कि बीमा कंपनी के जिम्मेदार आम लोगों के साथ धोखा कर रहे हैं, वहीं बीमा कंपनी के प्रतिनिधि से संपर्क किया गया तो उनका कहना था कि हम जल्द की प्रकरण का परीक्षण कराते हुए जानकारी उपलब्ध कराएँगे, पर चार दिन बाद भी बीमा कंपनी के द्वारा पक्ष नहीं दिया गया। 

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