13 महीने बाद भी क्लेम नहीं दिया स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने
हमारे साथ किया जा रहा गोलमाल 13 महीने बाद भी क्लेम नहीं दिया स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मनमर्जी तरीके से बीमा कंपनियाँ गोलमाल कर रही हैं और उन पर अकुंश लगाने वाले जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं, यह आरोप पॉलिसी धारकों के द्वारा लगाया जा रहा है। बीमितों को अस्पताल में इलाज कराना पड़े तो उन्हें कई बार बीमा अधिकारियों से संपर्क करना पड़ता है और उसके बाद उन्हें जवाब मिलता है कि आप अपने खर्च पर इलाज करा लें। यह कहा जाता है कि इलाज कराने के बाद बिल व रिपोर्ट सबमिट करने पर आपको पूरा भुगतान किया जाएगा पर जमीनी हकीकत में ऐसा उनके साथ नहीं होता है। अस्पताल के बिल व रिपोर्ट जब बीमा कंपनी में ऑनलाइन व ऑफलाइन सबमिट किए जाते हैं तो उसमें अनेक प्रकार की क्वेरी निकाली जाती हैं। बीमित अगर सत्यापित कराकर सारे दस्तावेज अस्पताल के माध्यम से भिजवाते हैं तो जल्द देने का वादा तो किया जाता है, पर बाद में नो क्लेम का लेटर बीमितों के घरों पर भेज दिया जाता है। परेशान होकर बीमित कंज्यूमर कोर्ट व विधिक सेवा प्राधिकरण में अपनी शिकायत देते हुए न्याय की गुहार लगाने मजबूर हो गए हैं।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ-
इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर मोबाइल नंबर -9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।
पुरानी बीमारी का हवाला देकर हमें भटकाया जा रहा-
केंट निवासी संजय कुमार ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से हेल्थ पॉलिसी कराई थी। पॉलिसी क्रमांक पी/170000/01/2022/008384 का कैशलेस कार्ड भी मिला था। अचानक स्वास्थ्य खराब होने के कारण नागपुर के निजी अस्पताल में इलाज कराना पड़ा था। इलाज के दौरान बीमा कंपनी ने अस्पताल में कैशलेस नहीं किया। बीमा अधिकारियों ने यह कहते हुए कैशलेस से इनकार कर दिया की आप अपने खर्चे पर इलाज करा लें और उसके बाद जब बिल सबमिट करेंगे तो पूरा भुगतान हमारी कंपनी आपको देगी। बीमित ने बीमा अधिकारियों के कहने पर पूरी प्रक्रिया वैसी ही अपनाई, पर बाद में कई तरह की खामियाँ निकाली गईं। बीमित ने नागपुर में जाकर दोबारा सारे दस्तावेजों को सत्यापित कराकर बीमा कंपनी में भेजा तो जल्द ही नियमानुसार भुगतान का वादा तो किया, पर बाद में पुरानी बीमारी का हवाला देते हुए नो क्लेम कर दिया गया। पीड़ित का आरोप है कि बीमा कंपनी के क्लेम डिपार्टमेंट व सर्वेयर टीम के साथ ही ब्रांच के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा आम लोगों की तरह मेरे साथ भी गोलमाल किया गया है। अब बीमित कंज्यूमर कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है। वहीं बीमा कंपनी के प्रतिनिधियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया पर उनसे संपर्क नहीं हो सका।