सिर्फ सत्ता के लिए नहीं है भाजपा-शिवसेना का गठबंधन : आदित्य ठाकरे

सिर्फ सत्ता के लिए नहीं है भाजपा-शिवसेना का गठबंधन : आदित्य ठाकरे

Bhaskar Hindi
Update: 2019-08-27 11:46 GMT
सिर्फ सत्ता के लिए नहीं है भाजपा-शिवसेना का गठबंधन : आदित्य ठाकरे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विधानसभा चुनाव में सीट साझेदारी को लेकर भाजपा व शिवसेना के बीच चल रही राजनीति पर युवा सेना के प्रमुख आदित्य ठाकरे ने कहा है कि दोनों दल का गठबंधन केवल सत्ता के लिए नहीं है। सीट साझेदारी को लेकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने मुंबई में पत्रकार वार्ता में जो बात घोषित की थी, अब भी वही बात कायम है। विधानसभा चुनाव लड़ने व उपमुख्यमंत्री पद को लेकर सवाल पर आदित्य ने कहा कि चुनाव व जिम्मेेदारी के बारे में फिलहाल वे पेपर नहीं फोड़ेंगे अर्थात खुलकर नहीं कहेंंगे। यह जरुर कहा कि अभी वे लोगों से आशीर्वाद लेने व संवाद के लिए निकले हैं।

मंगलवार को आदित्य ठाकरे ने नागपुर में जनआशीर्वाद यात्रा के तीसरे चरण का शुभारंभ किया। हिंगणा क्षेत्र स्थित प्रियदर्शिनी कॉलेज परिसर में आदित्य संवाद के तहत विद्यार्थियों से संवाद भी साधा। बाद में पत्रकार वार्ता में वे बोल रहे थे। राजनीतिक लक्ष्य से जुड़े सवाल पर आदित्य ने कहा कि बेरोजगारी मुक्त, किसान कर्जमुक्त, प्रदूषण मुक्त महाराष्ट्र बनाने की दिशा में वे काम करेेंगे। राज्य में किसानों की स्थिति में सुधार की आवश्यकता है। कर्जमाफी का समुचित लाभ नहीं मिल पाया है। कुछ त्रुटियां हैे जिन्हें सुधारना आवश्यक है।

किसानों के सारे कर्ज माफ करने की मांग शिवसेना पहले से ही कर रही है। किसी पर उंगली दिखाने के बजाय जरूरतमंदों के लिए सहायता कार्य करने की आवश्यकता है। आदित्य ने यह भी कहा कि शिवसेना जनता से विश्वास नहीं तोड़ेगी। गठबंंधन को लेकर भी शिवसेना विश्वास बनाए रखेगी। यह भी कहा कि गठबंधन व सीट साझेदारी का मामला पूरी तरह से शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निर्भर है। लिहाजा इस मामले में उनका बोलना ठीक नहीं होगाा। प्रेस कांफ्रेंस में मंत्री एकनाथराव शिंदे, राज्यमंत्री संजय राठोड, रामटेक के सांसद कृपाल तुमाने, पूर्व विधायक आशीष जैसवा सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। 
 
गठबंधन हिंदुत्व के लिए 
आदित्य ठाकरे ने कहा कि भाजपा व शिवसेना के बीच गठबंधन हिंदुत्च के लिए है। विकास व किसान के मुद्दे पर भी गठबंधनन में चर्चा होती है। कश्मीर में धारा 370 के विरोध में बाल ठाकरे ने आवाज उठायी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी ने उसे इमतल में लाया7 
 
विदर्भ राज्य की मांग पर 
कश्मीर में धारा 370 हटाने का मामला अलग था। वहां के निर्णय को देश में अन्य क्षेत्रों में राज्य निर्माण की मांग से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। विदर्भ राज्य की मांग का सवाल भी वैसार ही है।
 
विपक्ष कहां है
आदित्य ने विपक्ष की भूमिका की जमकर चुटकी ली। उन्होंने कहा कि विपक्ष कौन है, क्या कर रहा है,कहां हैं। विपक्ष का काम ही नहीं दिख रहा है। विपक्ष सच में कोई काम करता तो देश की महिलाओं को न्याय देने,किसानों की मांग को लेकर  आवाज उठाता। 

Tags:    

Similar News