शिंदे ने कहा - कांग्रेस और एनसीपी का होगा विलय, कांग्रेस ने भागवत के बयान को बताया गलत
शिंदे ने कहा - कांग्रेस और एनसीपी का होगा विलय, कांग्रेस ने भागवत के बयान को बताया गलत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य में हो रहे विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने मंगलवार को एक बड़ा बयान दिया है। सोलापुर में उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस अब थक चुकी हैं। इस लिए भविष्य में दोनों पार्टियां एक साथ दिखाई देंगी। शिंदे ने कहा कि हम एक ही मां से पले-बढ़े हैं। इंदिरा गांधी, यशवंतराव चव्हाण के नेतृत्व में हमने काम किया है। जिस मुद्दे पर राष्ट्रवादी कांग्रेस की स्था पना हुई थी, वह मुद्दा अब रहा नहीं। इसके अलावा जो मलाल हमारे मन में है, वहीं उनके मन में भी है। सिर्फ वे बोलकर नहीं दिखाते। शिंदे ने कहा कि भविष्य में दोनों पार्टियां एक साथ आएगी और सही अर्थों में इसकी शुरुआत सोलापुर से हो चुकी है। सोलापुर शहर उत्तर सीट से राकांपा प्रत्याशी मनोहर सपाटे के जनसंपर्क कार्यालय का उद्घाटन करते वक्त शिंदे ने यह बात कही। कांग्रेस और राकांपा को एक ही मां के दो बच्चे बताते हुए उन्होंने दोनों पार्टियों की विलय की चर्चा को जन्म दे दिया है। आम चुनावों में कांग्रेस-राकांपा की लगातार हार से पार्टी के कई वरिष्ठ नेता दूसरे दलों में शामिल हो चुके हैं। इस लिए अब दोनों दलों के बचे नेताओं को लग रहा है कि कांग्रेस-राकांपा को एक साथ आना चाहिए। हालांकि इसके पहले भी यह चर्चा शुरु हुई थी जिसका राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने खंडन कर दिया था। जानकारों का मानना है कि यदि दोनों पार्टियां एक साथ आई तो महाराष्ट्र में कांग्रेस की ताकत में इजाफा होगा।
कांग्रेस ने की संघ प्रमुख के बयान की आलोचना
उधर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की दशहरा रैली में संघ प्रमुख मोहन भागवत के भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या और अर्थव्यवस्था को लेकर की गई टिप्पणी के लिए प्रदेश कांग्रेस ने उनकी आलोचना की है। आरएसएस प्रमुख ने मंगलवार को नागपुर में कहा कि भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या से उनके संगठन का कोई लेना देना नहीं और देश में कोई आर्थिक मंदी नहीं है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या की घटनाओं को अंजाम देने वाले लोग आरएसएस की विचारधारा से आते हैं। सावंत ने कहा, ‘‘आरएसएस का लिचिंग से कोई लेना नहीं है, यह कहना वैसा ही झूठ है जैसे यह कहना झूठ है कि आरएसएस एक सांस्कृतिक संगठन है, जातिवाद का विरोधी है, आरक्षण का समर्थक है और संविधान तथा तिरंगे का सम्मान करता है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि झूठ फैलाना संघ परिवार की विचारधारा है। गौरतलब है कि नागपुर में मंगलवार सुबह आरएसएस की विजयादशमी रैली को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि भारतीय प्ररिपेक्ष्य में लिचिंग शब्द का इस्तेमाल करना गलत है। यह शब्द भारत को बदनाम करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। भागवत ने यह भी कहा कि देश में आर्थिक मंदी नहीं है क्योंकि देश पांच प्रतिशत की दर से विकास कर रहा है।