एसबीआई लाइफ ने दोगुनी राशि देने का किया था वादा पर मूल राशि में कर दी कटौती

पीड़िता का आरोप: इलाज में भी किसी तरह का सहयोग नहीं मिला एसबीआई लाइफ ने दोगुनी राशि देने का किया था वादा पर मूल राशि में कर दी कटौती

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-10 12:17 GMT
एसबीआई लाइफ ने दोगुनी राशि देने का किया था वादा पर मूल राशि में कर दी कटौती

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। हेल्थ इंश्योरेंस के साथ ही राशि डबल मिलने का वादा करते हुए आम लोगों की बीमा कंपनियों के एजेंट व अधिकारी पॉलिसी तो करा लेते हैं पर बाद में खुलासा होता है कि बीमितों के साथ धोखा हुआ है। बीमा कंपनियाँ इलाज में भी कोई मदद नहीं करती हैं और उसके बाद जब पॉलिसी की तिथि पूर्ण होती है तो दोगुनी राशि भी नहीं दी जा रही है। मूल रकम में भी कटौती कर मध्यमवर्गीय परिवार के साथ बीमा अधिकारी धोखा कर रहे हैं। परेशान होकर पीड़ित गुहार भी लगा रहे हैं पर जिम्मेदार चुप्पी साधे हुए हैं। पीड़ितों का आरोप है कि बीमा कंपनियाँ खुले आम लूट कर रही हैं पर बीमा नियामक आयोग व अकुंश लगाने वाले जिम्मेदार अधिकारी किसी भी तरह से सख्त कदम नहीं उठा रहे हैं। परेशान होकर पीड़ित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगा रहे हैं।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ

स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर के मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

70 वर्षीय वृद्धा ने कहा हमारे साथ किया गया धोखा

मप्र सतना जिले के धवारी गली नंबर दो निवासी श्रीमती जानकी गुप्ता 70 वर्षीय ने अपनी शिकायत में बताया कि उनके यहाँ एसबीआई लाइफ के अधिकारी व एजेंट आए थे, उन्होंने कहा कि हम एसबीआई बैंक से आए हैं। उनके द्वारा कहा गया कि आप पॉलिसी कराएँगे तो बीमा का लाभ मिलेगा और दस वर्ष बाद रकम दोगुनी हो जाएगी। उनके लुभावने वादों के कारण उन्होंने एसबीआई लाइफ की पॉलिसी क्रमांक 56036455606 ले ली थी। उसमें नियमानुसार प्रीमियम भी जमा किया जा रहा था। इलाज की जरूरत पड़ने पर बीमा कंपनी ने किसी भी तरह का सहारा नहीं दिया।

दस साल बाद पॉलिसी पूर्ण हो गई तो उन्होंने बैंक में जाकर पॉलिसी की रकम पाने के लिए पूरी रसीद व पॉलिसी फाॅर्म भरकर जमा किया तो जिम्मेदारों ने कहा कि आपके अकाउंट में जल्द ही राशि जमा कर दी जाएगी। कुछ दिनों बाद वृद्धा के अकाउंट में राशि आई तो मैसेज देखकर वह घबरा गईं। वे दूसरे दिन बैंक पहुँचीं तो अधिकारियों ने बताया कि बीमा कंपनी ने इतनी ही राशि आपके अकाउंट में डाली है। बीमित ने पूरा विवरण बताया फिर भी बैंक अधिकारी नहीं माने और बीमा कंपनी के जिम्मेदार भी कुछ नहीं बोले। पीड़िता की मूल राशि भी बीमा कंपनी ने वापस नहीं की। पीड़िता का आरोप है कि एसबीआई लाइफ ने उनके साथ धोखा किया है। पीड़िता परेशान होकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में आवेदन देकर बीमा कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की माँग कर रही है।

 

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