सामंत बोले - सीनेट के सदस्यों की कुलगुरु के खिलाफ मिली शिकायत की करेंगे जांच
उच्च शिक्षा मंत्री से की शिकायत सामंत बोले - सीनेट के सदस्यों की कुलगुरु के खिलाफ मिली शिकायत की करेंगे जांच
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के प्राधिकरण सदस्यों ने कुलगुरु डॉ. सुभाष चौधरी पर अनियमितता के आरोप लगाते हुए बुधवार को उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत को लिखित शिकायत सौंपी है। इस शिकायत पर सामंत ने कहा कि वे मामले की पूरी जानकारी लेकर जांच करवाएंगे। अगर इसमें कोई भी दोषी पाया जाता है, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। दरअसल प्राधिकरण सदस्यों ने इस शिकायत में कुलगुरु पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने परीक्षा के कामकाज के लिए एमकेसीएल कंपनी को अवैध तरीके से नागपुर विवि मंे वापस लाया है, जबकि वर्ष 2015 में ही कंपनी की अकार्यक्षमता के कारण विवि ने उससे करार रद्द कर लिया था। बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन की बैठक में कंपनी से हुआ करार रद्द करने का फैसला लिया गया था, जिसके बाद तत्कालीन कुलसचिव के हस्ताक्षर से कंपनी के साथ करार रद्द कर दिया गया था।
रद्द कांट्रैक्ट को बहाल किया
सीनेट सदस्य एड. मनमोहन बाजपेयी के अनुसार पदभार संभालने के बाद डॉ. चौधरी ने बगैर किसी टेंडर जारी किए इस कंपनी को परीक्षा, नामांकन और अन्य काम देने का फैसला ले लिया। इसके लिए उन्होंने आईटी बोर्ड पर नियुक्त अपने एक बहुत ही करीबी व्यक्ति की मदद ली। उसे बोर्ड से इस्तीफा देने लगाया और फिर एक कंपनी स्थापित कराई। इसके बाद इस कंपनी को एमकेसीएल की स्थानीय भागीदार कंपनी बना कर रद्द हो चुका कांट्रैक्ट दोबारा बहाल किया।
चर्चा किए बगैर ही बैठक समाप्त कर दी
बाजपेयी ने कहा कि बीते 11 मार्च को विवि की सीनेट की सभा में कई अहम विषयों पर चर्चा होने वाली थी। सीनेट सदस्यों ने इस बैठक में विवि में हो रहे भ्रष्टाचार और अन्य अनियमितताओं पर प्रशासन से आधिकारिक जवाब पटल पर रखने की मांग की थी, लेकिन 11 मार्च को बैठक शुरू होते ही कुलगुरु ने सभा खत्म करने की घोषणा कर दी, जिससे उक्त मुद्दों पर चर्चा किए बगैर ही बैठक समाप्त कर दी गई थी।