इस बार मई के आखरी में मानसून से पहले बारिश के आसार
इस बार मई के आखरी में मानसून से पहले बारिश के आसार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। गर्मी के तीखेपन से निजात दिलाने मानसून के समय से पहले पहुंचने के आसार हैं, लेकिन इससे पहले मानसून पूर्व की फुहारें विदर्भ को रहत देने पहुंच जाएंगी। मौसम जानकारों की मानें, तो इस बार वर्षा तो अच्छी है, लेकिन मानसून सत्र कुछ छोटा हो सकता है। प्रशांत महासागर में सतही तापमान पिछले 5 सप्ताहों से लगातार ऊपर की ओर चढ़ रहा है। इससे अल-नीनों का प्रभाव निष्क्रिय हो रहा है।
चक्रवाती चक्रों का निर्माण होने लगा है और ये सक्रिय भी हो रहे हैं। इससे अनुमान लगता है कि मानसून केरल तट पर तय तिथि 1 जून के पहले ही दस्तक दे सकता है। विदर्भ की अाधिकारिक मानसून तिथि 10 जून तक इसके विदर्भ तक पहुंच जाने की तीव्र संभावना है, लेकिन मानसून पूर्व की बरसात 22 मई के बाद कभी भी शुरू हो सकती है।
पारा 47 पार नहीं, फिर भी अच्छी बरसात की उम्मीद
इस बार अभी तक अधिकतम तापमान ने 47 डिग्री के जादुई स्तर को नहीं छुआ है। कहा जाता है और वैज्ञानिक भी मानते हैं कि विदर्भ में अच्छे मानसून के लिए गर्मी में अधिकतम तापमान का 47 डिग्री सेल्सियस को छूना चाहिए। इससे मानूसन के अच्छे रहने की संभावना रहती है। मौसम जानकारों के अनुसार अब तापमान के बहुत अधिक बढ़ने की संभावना नगण्य है। पारा वर्तमान सतर के आस-पास घूमता रहेगा। इसमें 1 से 2 डिग्री की बढ़-घट हो सकती है।
इस बार विदर्भ में एक-दो स्थानों को छोड़ कर पारा भले ही 47 डिग्री के आस-पास न पहुंचा हो, लेकिन तापमान अधिकांश समय सामान्य के ऊपर घूमता रहा और विदर्भवासियों काो तीखी जलन देता रहा। गर्मी ने फरवरी के मध्य से ही रफ्तार पकड़ना शुरू कर दिया था। यह रफ्तार पूरे ग्रीष्मकाल में भी बना रहा। गर्म अधिक होने से ऊपरी सतह पर शून्य भी जल्दी निर्मित होगा। इससे जैसे ही मानसूनी चक्र बनना शुरू होंगे उसकी नमी इन स्थानों में प्रवेश करने लगेगी। इससे मानसून समय के आस-पास प्रवेश करेगा और तेजी से बरसेगा।
किसान पहली झड़ी में ही करें बुआई
मौसम जानकारों का मानना है कि मानसून समय से आए, तो पहली झड़ी में किसानों को बुआई कर लेनी चाहिए। जून मध्य से शुरू होनेवाला मानसून अगस्त मध्य तक तो अच्छा बना रहेगा, लेकिन अगस्त मध्य के बाद इसमें आया ब्रेक कुछ ज्यादा ही लंबा खिंच सकता है, जो सितंबर मध्य तक ही खत्म होगा। इसके साथ ही मानसून का सिमटना भी शुरू हो जाएगा।
अनुमान है कि इस बार मानसून लंबा (विस्तृत) नहीं होगा, लेकिन बरसेगा तेजी से। अगस्त के मध्याह्न के बाद मानसून ब्रेक की स्थिति बनेगी, जो कुछ ज्यादा ही खिंच सकती है। सितंबर में जब मानसून ब्रेक खत्म होगा, तब तक मानसून की वापसी का समय हो जाएगा।
@अतुल मोदी