निजी नर्सिंग होम को फायर एनओसी से ज्यादा फीस की चिंता
इमरजेंसी में मरीजों को भर्ती कर ली जा रही मनमानी फीस निजी नर्सिंग होम को फायर एनओसी से ज्यादा फीस की चिंता
डिजिटल डेस्क,शहडोल। निजी नर्सिंग होम में इलाज के दौरान आगजनी जैसी घटनाओं से मरीजों की सुरक्षा को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने फायर एनओसी पर सख्ती बरतते हुए ओपीडी बंद करने के आदेश दिए तो कई नर्सिंग होम ने अंदर का रास्ता निकाल लिया। शहर के कई नर्सिंग होम में ओपीडी तो बंद है, लेकिन ओपीडी में इलाज करवाने के लिए आने वाले मरीजों को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।
खासबात यह है कि इससे अंचल के मरीज व उनके परिजनों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। ओपीडी में जो सलाह पहले चार सौ रुपए में मिल जाती थी, इमरजेंसी मरीजों को उसके लिए पांच सौ रुपए या फिर उससे भी ज्यादा राशि देनी पड़ रही है। नर्सिंग होम की इस व्यवस्था पर मरीज व परिजनों का कहना है इस मामले में अस्पताल प्रबंधन को फायर एनओसी से ज्यादा फीस बढ़ाने की चिंता है।
करवाएंगे जांच
हमने मरीजों की सुरक्षा को ध्यान रखते हुए फायर एनओसी को लेकर निर्देश जारी किए हैं। इसकी अवधि 25 सितंबर को समाप्त हो रही है। इस अवधि तक फायर एनओसी प्रमाण पत्र नहीं देने वाले नर्सिंग होम पर आगे कार्रवाई की जाएगी।
डॉ.आरएस पांडेय, सीएमएचओ शहडोल