गैर सरकारी कॉलेजों के प्राचार्यो को मिलेगा बड़ा वेतन
गैर सरकारी कॉलेजों के प्राचार्यो को मिलेगा बड़ा वेतन
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार का गैर सरकारी कालेज के प्राचार्यो की नियुक्ति को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(यूजीसी) द्वारा तय की गई सिर्फ शैक्षणिक योग्यता को अपनाने व उनके वेतन से जुड़ी सिफारिशों को खारिज करने का निर्णय मनमानीपूर्ण है। हाईकोर्ट ने कहा कि यदि प्राचार्यों की नियुक्ति के संबंध में ऊंची शैक्षणिक योग्यता तय की गई है तो उन्हें ऊंचा वेतन भी मिलना चाहिए। इस तरह से हाईकोर्ट ने गैर सरकारी कालेजों के प्राचार्यों को बड़ी राहत प्रदान की है।
महाराष्ट्र फेडरेशन आफ प्रिंसिपल एसोसिएशन(गैर सरकारी कालेज) के अध्यक्ष ने इस विषय पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नांदराजोग व न्यायमूर्ति भारती डागरे की खंडपीठ के समक्ष याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता उदय वारुंजेकर ने कहा कि राज्य के शिक्षा विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त गैर सरकारी कालेज के प्राचार्यों के लिए यूजीसी ने शैक्षणिक योग्यता के संबंध में सिफारिशें की थी जिसके तहत प्राचार्य होने के लिए स्नातकोत्तर में 55 प्रतिशत अंक,पीएचडी डिग्री,एसोसिएट प्रोफेसर के तौर पर 15 वर्षों का अनुभव तथा अकादामिक प्रदर्शन सूचक के तहत तय किए गए न्यूनतम अंक अर्जित करना जरूरी किया गया है। इस शैक्षणिक योग्यता के तहत प्राचार्यों के लिए ग्रेड पे के साथ 43 हजार के वेतन की सिफारिश की गई थी। लेकिन राज्य सरकार ने प्राचार्यों की नियुक्ति के संबंध में यूजीसी द्वारा तय की गई उंची शैक्षणिक योग्यता को लेकर की गई सिफारिशों को तो स्वीकार किया लेकिन ग्रेड पे पूरना 37400 का रखा। जिस पर प्राचार्यों ने आपत्ति जताई थी। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने दावा किया कि वित्तीय अड़चनों के चलते सरकार ने युजीसी की नए ग्रेड पे से जुड़ी सिफारिश को स्वीकार नहीं किया है।
मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि प्राचार्य की नियुक्ति को लेकर सिर्फ शैक्षणिक योग्यता से जुड़ी सिफारिश को स्वीकार करने का निर्णय मनमानीपूर्ण है। सुधारित ग्रेड पे देने को लेकर सरकार की ओर से दी गई दलील को न्यायसंगत नहीं माना जा सकता है। सेवा से जुड़े न्यायशास्त्र के मुताबिक अधिक शैक्षणिक योग्यता व ज्यादा अनुभव वाले शख्स को उचित पे स्केल व इनक्रीमेंट दिया जाना चाहिए। यह बात कहते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह गैर सरकारी कालेज के प्रचार्यो को युजीसी के अनुसार नियुक्ति के समय(इंट्री लेवल) पर ग्रेड पे के साथ 43 हजार का वेतन दे। खंडपीठ ने कहा कि इस आदेश के चलते जिन प्राचार्यों का एरिअस बनता है उसका 6 महीने के भीतर 8 प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान किया जाए। खंडपीठ ने कहा कि हमारे इस आदेश का लाभ उन प्राचार्यों को भी दिया जाए जो याचिकाकर्ता की संस्था में शामिल नहीं है।