आदिवासी परिवारों के लिए राजस्व के लंबित मामले बड़ी समस्या
नकल शाखा से रिकॉर्ड गायब आदिवासी परिवारों के लिए राजस्व के लंबित मामले बड़ी समस्या
डिजिटल डेस्क,शहडोल। जिले में कई आदिवासी परिवारों के लिए राजस्व के लंबित मामले बड़ी समस्या है। यहां सैकड़ों परिवार नामांतरण, बंटवारा व रिकॉर्ड दुरुस्ती से लेकर नक्शा सुधार के लिए कार्यालयों के चक्कर लगाते परेशान हैं। जानकर ताज्जुब होगा कि शहडोल कलेक्ट्रेट स्थित नकल शाखा से कई जरुरी फाइलें गायब है। 14 नवंबर को ही नकल शाखा प्रभारी ने वर्ष 1958,59 में बंदोबस्ती नकल के एक आवेदन पर अभिलेख नहीं होने की बात कही है। जिले में राजस्व के लंबित मामलों पर 31 अक्टूबर को जनजातीय कार्य मंत्री मीना सिंह गोहपारु में आयोजित कार्यक्रम में अधिकारियों को मंच से फटकार लगा चुकी हैं।
भाजपा कार्यकर्ताओं के नहीं हो रहे काम
शहर में नक्शा सुधार के कुछ मामले ऐसे हैं जिसमें भाजपा कार्यकर्ताओं के करीबियों के काम नहीं हो रहे हैं। इसमें आवेदक भागीरथी सिंह द्वारा 26 अप्रैल 2018 को अपन कलेक्टर न्यायालय में दिए गए आवेदन के साथ ही अरुण चपरा का नक्शा सुधार का आवेदन शामिल हैं। सोहागपुर तहसील में ऐसे एक दर्जन से ज्यादा मामले चार साल से ज्यादा समय से लंबित हैं। लंबित मामलों की संख्या ब्यौहारी में और ज्यादा है।
कम अनुभवी को संभागीय मुख्यालय का प्रभार
संभागीय मुख्यालय में तहसीलदार के प्रभार को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं। यहां तहसीलदार का प्रभार भरत सोनी को सौंपा गया है। दूसरी ओर 16 साल से तहसीलदार लक्ष्मण पटेल और 8 साल से तहसीलदार भूमिका पांडेय को सितंबर में ज्वाइन करने के 2 माह बाद भी प्रभार नहीं मिला।