पूर्व सीएमएचओ के स्थगन आदेश के बाद पशोपेश की स्थिति
11 सौ कर्मचारियों का वेतन रुका पूर्व सीएमएचओ के स्थगन आदेश के बाद पशोपेश की स्थिति
डिजिटल डेस्क,छिंदवाड़ा। जिले में दो-दो सीएमएचओ कार्यरत हैं, कर्मचारी हैरान और परेशान हैं कि आखिर किसे अपना अधिकारी मानें और किसके निर्देश पर करें। एक पद पर दो अधिकारी होने से स्वास्थ्य विभाग का काम ठप पड़ा हुआ है। इस विवादस्पद स्थिति के चलते स्वास्थ्य विभाग के 1100 स्थाई कर्मचारियों का दिसम्बर माह का वेतन अटक गया है।
दरअसल मामला कुछ यूं है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिछुआ में 9 दिसम्बर को जनसेवा अभियान कार्यक्रम के मंच से सीएमएचओ डॉ.जीसी चौरसिया को निलम्बित कर दिया था। उनके स्थान पर सौंसर बीएमओ डॉ.एनके शास्त्री को प्रभारी सीएमएचओ नियुक्त किया गया था। सीएमएचओ डॉ.चौरसिया इस आदेश के खिलाफ न्यायालय चले गए थे। न्यायालय ने सीएमएचओ डॉ.चौरसिया के निलम्बन आदेश पर रोक लगा दी थी। इसके बाद उन्होंने दोबारा ज्वाइनिंग दे दी, लेकिन भोपाल स्वास्थ्य संचालनालय से डॉ.शास्त्री को पद छोडऩे या डॉ.चौरसिया को सीएमएचओ का कार्यभार सौंपने कोई नए आदेश नहीं दिए गए है। जिससे मामला उलझा हुआ है।
कुर्सी के विवाद में काम रुके-
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कुर्सी के विवाद में उलझे हुए है, जबकि वित्तीय वर्ष समाप्त होने जा रहा है। वित्तीय वर्ष तक कई स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लक्ष्य पूर्ण नहीं हो पाए है। जिसे पूरा कराना सीएमएचओ की जवाबदारी है। इस विवाद के चलते विभागीय कर्मचारी भी परेशान है।
23 सितम्बर को भी हटाया था पद से-
रामाकोना में आयोजित जनसेवा शिविर में सीएम शिवराज ङ्क्षसह चौहान के निर्देश के बाद दूसरे दिन 23 सितम्बर को भोपाल स्वास्थ्य संचालनालय से सीएमएचओ डॉ.चौरसिया को पद से हटाने आदेश जारी किए गए थे। तब प्रभारी सीएमएचओ का प्रभार डॉ.एनके शास्त्री को सौंपा गया था। इस आदेश के विरुद्ध सीएमएचओ डॉ.चौरसिया ने न्यायालय से स्टे ला लिया था।
आगामी आदेश का इंतजार-
इस मामले में डॉ.जीसी चौरसिया का कहना है कि मेरे द्वारा ज्वाइनिंग ले ली गई है। सीएमएचओ के प्रभार के लिए शासन और प्रशासन के आदेश का इंतजार है।
- वहीं दूसरी ओर डॉ.एनके शास्त्री का कहना है कि भोपाल स्वास्थ्य संचालनालय से जो भी आदेश मिलेंगे, उसका पालन किया जाएगा।