15 वर्ष पुराने पॉलिसी धारक को भी ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी ने नहीं दिया क्लेम
बीमित का आरोप: टीपीए के अधिकारी भटका रहे 15 वर्ष पुराने पॉलिसी धारक को भी ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी ने नहीं दिया क्लेम
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। स्वास्थ्य का परीक्षण कराने के बाद पॉलिसी जारी करने वाली बीमा कंपनी क्लेम देने से पीछे हट रही है। ऐसा आरोप अब पॉलिसी धारकों के द्वारा लगाया जा रहा है। अनेक बीमा कंपनियाँ लगातार लुभावने वादे तो करती हैं पर जब बीमित को बीमा कंपनी के सहयोग की आवश्यकता होती है तो वे नियमों का हवाला देकर क्लेम देने से इनकार कर देती हैं। ऐसी ही अनेक शिकायतें पीड़ितों के द्वारा की जा रही हैं और बीमा कंपनियों की पोल खुल रही है। उसके बाद भी बीमा कंपनियों के गोलमाल पर अकुंश लगाने वाले जिम्मेदार अधिकारी पूरी तरह मौन हैं। बीमा कंपनी के द्वारा क्लेम नहीं दिए जाने से बीमित काफी परेशान हो रहे हैं।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ
स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।
पोस्ट-कोविड ईवीएन बीमारी का कराया था आपरेशन
उत्तराखंड हीरा डूंगरी अलमोडा निवासी राजेन्दर सिंह बिष्ट ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी से स्वास्थ्य बीमा पूरे परिवार का कराया हुआ है। बीमा कंपनी के द्वारा पॉलिसी क्रमांक 25380/48/2022/388 का कैशलेस कार्ड भी मिला हुआ है। वे पिछले 15 वर्ष से पॉलिसी का प्रीमियम जमा करते आ रहे हैं। अक्टूबर 2022 में उन्हें पता चला की उन्हें पोस्ट-कोविड ईवीएन बीमारी हो गई है। चिकित्सक के द्वारा आॅपरेशन करने की सलाह दी गई थी। ऑपरेशन के दौरान बीमा कंपनी को सूचना दी गई थी तो क्लेम डिपार्टमेंट ने कैशलेस से मना कर दिया। बीमा अधिकारियों ने कहा कि आप ऑपरेशन के बाद बिल जमा करेंगे तो हमारी कंपनी पूरा भुगतान आपको कर देगी। बीमित के द्वारा ऑपरेशन की रिपोर्ट व सारे बिल बीमा कंपनी में सबमिट किए तो उसमें बीमा अधिकारियों ने यह कहा कि आपको जल्द क्लेम दिया जाएगा पर महीनों बीत जाने के बाद भी किसी भी तरह का भुगतान नहीं किया गया। बीमा कंपनी की टीपीए द्वारा किसी भी तरह का सहयोग नहीं दिया जा रहा है। बीमित का आरोप है कि टीपीए कंपनी के अधिकारियों के द्वारा गोलमाल किया जा रहा है।