इस परवार का एक ही संदेश - रिश्तों में प्यार से बना रहता है संयुक्त परिवार

बागवान इस परवार का एक ही संदेश - रिश्तों में प्यार से बना रहता है संयुक्त परिवार

Bhaskar Hindi
Update: 2021-11-23 13:19 GMT
इस परवार का एक ही संदेश - रिश्तों में प्यार से बना रहता है संयुक्त परिवार

डिजिटल डेस्क, वर्धा। रिश्तों में प्यार हो तो संयुक्त परिवार बना रहता है। एकसाथ रहने से ही एक-दूसरे की अहमियत समझ आती है। युवाओं को एकजुट होकर रहने पर जोर देना चाहिए। यह कहना है बोरगांव के हरिहर नगर  निवासी 61 वर्षीय मनोहर भाऊरावजी टिपले का। 

आपकी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण वह कौन-सा पल था जिसमें आपने सफलता पाई और वह किस तरह आने वाली पीढ़ी का मार्गदर्शन कर सकता है? 

मेरा मूल गांव हिंगणघाट है परंतु मैं शासकीय नौकरी होने के कारण ट्रांसफर के कारण वर्धा आया। जिसके पश्चात मैंने यहां नौकरी कर अपनी पत्नी के साथ मिलकर बच्चों का पालन-पोषण कर अच्छे संस्कार दिए। जिसकी बदौलत मेरेे बच्चे आज अच्छे मुकाम पर है। यही मेरे जीवन की सफलता है।

आपने जिंदगी में जो अनुभव प्राप्त किए हैं, वे किस तरह भविष्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते है?

मुझे शिक्षा में रूिच होने के कारण मेरे माता-पिता ने मेरा हमेशा सहयोग किया। माता-पिता से प्राप्त संस्कार और शिक्षा के चलते मुझे शासकीय नौकरी प्राप्त हुई। जिसकी बदौलत मैंने परिवार में किसी बात की कमी महसूस नहीं होने ही। युवा पीढ़ी से अपील करता हूं कि अच्छे मार्ग पर चलकर सफलता हासिल करें।

अपने शहर समाज और देश के लिए अब क्या करना चाहते है, आज की पीढ़ी को क्या करने की जरूरत है?

मैं और हमारा परिवार सामाजिक गतिविधियों में अग्रसर रहता हैं। युवा पीढ़ी से अपील करता हूं कि अपने बड़ों का आदर करें और जरूरतमंद की मदद करंे।

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