कमेटी की सिफारिश पर महाराष्ट्र में कम हो सकती है ड्राई डे की संख्या
कमेटी की सिफारिश पर महाराष्ट्र में कम हो सकती है ड्राई डे की संख्या
डिजिटल डेस्क, मुंबई। शराब उद्योग की मांग पर राज्य में ड्राई डे (शराब बिक्री पर रोक) की संख्या में कमी की जा सकती है। उत्पादन शुल्क विभाग द्वारा गठित कमेटी ने भी इस तरह की सिफारिश की है। महाराष्ट्र में फिलहाल सालभर में 9 ड्राई डे हैं। इसके अलावा मतदान और मतगणना के दिन भी शराब की दुकाने बंद रखी जाती हैं। दरअसल राज्य के आबकारी विभाग ने ‘ईज आफ डूईंग बिजनेस’ के तहत शराब उद्योग को सहुलियत प्रदान करने के लिए 30 जून 2018 को विभाग कि प्रधान सचिव की अध्यक्षता में एक सात सदस्यों वाली कमेटी गठित की थी। कमेटी ने विभाग को 70 बिंदुओं पर अपनी सिफारिश दी है। जिसमें ड्राई डे भी शामिल है। शराब उद्योग से जुड़े लोगों का मानना है कि गैर जरूरी ड्राई डे से अवैध शराब की बिक्री बढ़ती है और इससे सरकार को भी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ता है। शराब उद्योग का सुझाव है कि ड्राई डे की संख्या में कमी लाई जानी चाहिए। चुनावों के दौरान मतदान व मतगणना की अवधि समाप्त होने के बाद ड्राई खत्म कर दिया जाना चाहिए। इसको लेकर कमेटी ने अपनी सिफारिश में कहा है ड्राई डे की संख्या मं कमी लाई जा सकती है। कमेटी ने कहा कि कई ड्राई डे निरर्थक हैं। ड्राई डे फाईव स्टार होटलों और क्लबों पर नहीं लागू होते। शहीद दिवस पर भी ड्राई डे खत्म किया जा सकता है जबकि अषाढी एकादशी और कार्तिक एकादशी पर ड्राई डे का निर्णय स्थानीय स्तर पर जिलावार लिया जाना चाहिए।
इन नौ दिनों रहती है पाबंदी
26 जनवरी (गणतंत्र दिवस), 30 जनवरी (शहीद दिवस), 1 मई (महाराष्ट्र दिवस), 2 अक्टूबर (गांधी जयंती), 8 अक्टूबर, 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस), अनंत चतुर्दशी, आषाढ़ी एकादशी और कार्तिक एकादशी
चुनाव के दौरान जब्त हुई 92 हजार लीटर शराब
बीते लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य में 92 हजार 301 लीटर शराब जब्त की गई। इस दौरान आबकारी विभाग ने कुल 20.58 करोड़ रुपए का सामान जब्त किया है। मिली जानकारी के अनुसार 11 मार्च 2019 को राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू होने और 23 मई 2019 को समाप्त होने तक कुल 9715 मामले दर्ज किए गए। जिसके तहत 6579 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस दौरान 1.69 लाख लीटर हातभट्टी शराब बरामद की गई जबकि 31.53 लाख लीटर रसायन नष्ट किया गया। इस दौरान 51781 लीटर ताडी भी बरामद किया गया। पिछले साल की तुलना में इस साल आरोपियों की गिरफ्तारी में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।