पीएम सुरक्षा का भुगतान 12 महीने बाद भी नहीं मिला नाॅमिनी को

दर-दर भटकने मजबूर है परिवार पालने के लिए महिला पीएम सुरक्षा का भुगतान 12 महीने बाद भी नहीं मिला नाॅमिनी को

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-02 11:33 GMT
पीएम सुरक्षा का भुगतान 12 महीने बाद भी नहीं मिला नाॅमिनी को

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। आम आदमी को राहत रहती है कि बैंक के माध्यम से होने वाली पॉलिसी में किसी भी प्रकार की परेशानी परिवार के सदस्यों को नहीं होगी। मुखिया की मौत होने पर परिवार को सहारे के रूप में उपयोग में आएगी। बैंक के माध्यम से जालसाजी नहीं होगी पर बीमा कंपनियों के अधिकारी अपनी हदें पार करने में पीछे नहीं हैं। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना भी परिवार को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए केन्द्र सरकार ने शुरू कराई है पर उसमें भी बीमा कंपनियाँ अपनी मनमानी करने में लगी हैं। सरकार की मंशा पर पानी फेरने में जिम्मेदार अधिकारी व बैंक के कर्मी जुटे हुए हैं। परिवार के सदस्य की मौत के बाद भी नाॅमिनी को बीमा राशि नहीं मिल रही है। बैंक व बीमा कंपनी में पत्राचार किया जाता है पर वहाँ से कोई जवाब नहीं मिल रहा है। अब पीड़ित आरोप लगा रहे हैं कि हमारे साथ धोखा किया जा रहा है और अब हम ऐसे में किस पर विश्वास करें।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ 

स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर के मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

सारे दस्तावेज जमा कर चुके फिर भी नहीं हो रही सुनवाई

मप्र के छिंदवाड़ा जुन्नारदेव चिखलमऊ निवासी विमला ने अपनी शिकायत में बताया कि उनके पति मानकलाल का बैंक ऑफ महाराष्ट्र में अकाउंट है। बैंक से प्रतिवर्ष प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना की राशि कटती आ रही है। बीमित की फरवरी 2022 में एक हादसे में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। मानकलाल की मौत के बाद पत्नी ने परिजनों की मदद से मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ ही अन्य दस्तावेज बनवाए और बैंक में जाकर जमा किए। उन्हें अपने आर्थिक हालातों के बारे में बताया। बैंक मैनेजर ने आश्वासन दिया था कि आपको जल्द ही राशि बीमा कंपनी से दिला दी जाएगी। बीमित ने अपनी अकाउंट पासबुक की फोटो काॅपी भी साथ में दी थी कि उक्त अकाउंट में राशि जमा करा दी जाए। नाॅमिनी लगातार बैंक के चक्कर लगा रही और वहाँ से आश्वासन दिया जा रहा है कि शीघ्र ही आपके खाते में राशि आ जाएगी पर महीनों बीत गए और पीड़िता के अकाउंट में राशि नहीं आई। बैंक के अधिकारी व कर्मचारी तो अब किसी भी तरह का जवाब नहीं दे रहे हैं। पीड़िता का आरोप है कि उसके साथ बीमा अधिकारियों के द्वारा गोलमाल करते हुए जालसाजी की जा रही है। बीमा कंपनी आम लोगों को परेशान कर रही है, वहीं जिम्मेदार अधिकारी भी मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।
 

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