जिला व मंडी प्रशासन की सख्ती के बाद पहुंचे 100 से अधिक आवेदन

कटनी जिला व मंडी प्रशासन की सख्ती के बाद पहुंचे 100 से अधिक आवेदन

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-07 12:13 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क,कटनी। अवैध सब्जी मंडी में पिछले एक दशक से चले फल तथा सब्जी के काले कारोबार की अब एक-एक कर परतें उधड़ रही हैं। एक बड़ा तथ्य यह सामने आया है कि यहां के किसी भी आढ़तिये के पास लाइसेंस नहीं था। अवैध सब्जी मंडी के साथ अन्य जगहों पर सभी 70 सब्जी और 41 फल के थोक व्यापारियों के पास थाक कारोबार करने से पहले मंडी द्वारा नियमानुसार हासिल किया जाने वाला आढ़तिया लाइसेंस नहीं था। जिला प्रशासन तथा मंडी प्रशासन की पिछले दस दिन से जारी सख्ती के बाद कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 की धारा 32 के तहत जारी किए जाने वाले आढ़तिया लाइसेंस के लिए 100 से अधिक आवेदन पहुंच चुके हैं।

अभी भी सब कुछ हो रहा लेकिन चोरी-चुपके

इस अवैध सब्जी मंडी को बचाने अंदरखाने में चल रही सियासत और नगर निगम प्रशासन की ढील का ही नतीजा है कि पुरैनी में अब भी सब्जी और फल पहुंच रहे हैं। गैर लाइसेंसी आढ़तिये बोली लगा कर माल बिकवाते हैं और फिर आगे बढ़ा देते हैं। यह सब चोरी-चुपके हो रहा है। सारा कामकाज बैक डोर से संचालति हो रहा है। बाहर गेट पर चला जरूर लगा रहता है लेकिन परिसर के आसपास ही कर्मचारियों की चहल-कदमी बनी रहती है। यदि कोई फुटकर व्यापारी फल-सब्जी खरीदने पहुंचता है तो दुकान का ताला खोलकर उसे दे दिया जाता है। यह खेल प्रशासन की सख्ती के बाद चल रहा है।

नगर निगम की ढिलाई संजीवनी का काम कर रही, नोटिस का अब खेला पुरैनी में यदि अभी भी फल-सब्जी आ और जा रही है तो उसके पीछे एकमात्र वजह नगर निगम का यहां बैठ कर अवैध रूप से कारोबार करने वाले गैर लाइसेंसी आढ़तियों तथा इस निजी मंडी के संचालक के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेना है।

नगर निगम प्रशासन हमेशा की तरह नोटिस-नोटिस का खेल खेलते हुए इन सबको बचाव का समय मुहैया करा रहा है। यही वजह है कि नगर निगम द्वारा जारी किए जाने वाले नोटिसों में जवाब देने की और जवाब न दिए जाने पर अगली कार्यवाही की समय सीमा ही निर्धारित की जाती है। नगर निगम आयुक्त सत्येन्द्र धाकर पुरैनी की निजी सब्जी मंडी का संचालन बाजार शाखा के लाइसेंस बिना होने की बात तो स्वीकारते हैं लेकिन नोटिस के जवाब की प्रत्याशा में कार्यवाही करने से भी बच रहे हैं। जिससे नियमों के तहत व्यापार करने वाले लोगों को निराशा है। 
 

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