मेडिकल: कोरोना संदिग्धों के वॉर्ड के बाहर पुलिस तैनात, पॉजिटिव मरीज पेईंग वॉर्ड में शिफ्ट, विधायक निवास में क्वारंटाइन यात्री

मेडिकल: कोरोना संदिग्धों के वॉर्ड के बाहर पुलिस तैनात, पॉजिटिव मरीज पेईंग वॉर्ड में शिफ्ट, विधायक निवास में क्वारंटाइन यात्री

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-16 13:52 GMT
मेडिकल: कोरोना संदिग्धों के वॉर्ड के बाहर पुलिस तैनात, पॉजिटिव मरीज पेईंग वॉर्ड में शिफ्ट, विधायक निवास में क्वारंटाइन यात्री

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मेडिकल में संदिग्ध मरीजों के वॉर्ड नंबर 25 के बाहर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। कोरोना के लेकर लगातार लोगों में डर बना हुआ है, व्यवस्थाओं को संभालने निर्णय लिया गया है। वॉर्ड के बाहर दोपहर 12 बजे से 4 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। अंदर आने-जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति का रिकाॅर्ड रखा जा रहा है। ताकि मेयो जैसी स्थिति ना बने। मेडिकल में 18 संदिग्ध मरीज भर्ती है, जिसमें 5 मरीज रविवार को भर्ती हुए थे, रिपोर्ट का इंतजार है। सोमवार को 13 मरीज भर्ती हुए। जिसमें 12 महिलाएं और 1 पुरुष शामिल हैं। दो व्यक्ति नेपाल और रूस की यात्रा पर गए थे।

आंकड़े

- सोमवार को संदिग्ध मरीज- 44
- कुल संदिग्ध मरीज- 117
- सोमवार को मरीज भर्ती- 19
- कुल भर्ती मरीज- 87
- सैंपल की जांच हुई- 38
- कुल जांचे गए सैंपल- 95
- व्यक्तियों के संपर्क में है- 95
- 14 दिन पूरे होने वाले व्यक्ति- 35
- विमानतल पर स्क्रीनिंग हुई- 25
- विमानतल पर कुल स्क्रीनिंग हुई- 982

कोरोना पॉजिटिव मरीजों को पेईंग वॉर्ड में किया शिफ्ट

शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेडिकल) में भर्ती कोरोना के तीन मरीजों को कोरोना के वॉर्ड नंबर 25 से पेईंग वॉर्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। इस वॉर्ड में कुछ साइड रूम भी थे, जहां पॉजिटिव और संदिग्ध मरीजों को अलग-अलग रखा जा रहा था, लेकिन इसके बाद भी संदिग्ध मरीजों के मन में लगातार भय बना हुआ था। जिसे लेकर यह निर्णय लिया गया है। इससे पॉजिटिव मरीज पेईंग वॉर्ड में है, जबकि संदिग्ध मरीज कोरोना के लिए बने वाॅर्ड 25 में भर्ती है। संदिग्ध मरीजों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उनकी अस्पताल से छुट्टी कर दी जाती है। यदि वह पॉजिटिव मरीज के निकटतम संपर्क में रहे है तो उनको घर पर 28 साइसोलेटेड होकर रहना है।

ऐसा रहा डर का मामला

उपराजधानी में सबसे पहला मरीज 11 मार्च को पॉजिटिव आया था जो खुद से बुखार होने की वजह से इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेयो) में जांच करवाने के लिए पहुंचा था। जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद शहर में मानो हड़कंम मच गया। उसके आधार पर उसके साथ यात्रा करने वाले दो साथी और पत्नी की जांच भी पॉजिटिव आई। यह तीनों मरीज मेडिकल के वॉर्ड 25 में थे जबकि संदिग्ध मरीजों को भी उसी वॉर्ड के अलग-अलग कमरों में रखा जा रहा था जिससे लोगों में डर पैदा हो रहा था जिसे ध्यान में रखकर पॉजिटिव मरीजों को पेईंग वॉर्ड में अलग रखने का निर्णय लिया गया।

मेयो में डर से भाग गए थे संदिग्ध

मेयो में कोरोना के वॉर्ड नंबर 24 में संदिग्ध मरीजों को जांच के लिए रखा गया था। जांच के बाद रिपोर्ट ना आने के कारण उनको एक दिन वॉर्ड में रुकने के लिए कहा गया था लेकिन वहां पॉजिटिव मरीज होने की वजह से वह वॉर्ड छोड़कर अपने घर चले गए। मामले ने जमकर तूल पकड़ा और देशभर में जमकर मामला उछला।

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