मुफ्ती-ए-आजम का दीदार करने अकीकद मंदों का सैलाब, हुए सुपुर्द-ए-खाक

मुफ्ती-ए-आजम का दीदार करने अकीकद मंदों का सैलाब, हुए सुपुर्द-ए-खाक

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-23 08:07 GMT
मुफ्ती-ए-आजम का दीदार करने अकीकद मंदों का सैलाब, हुए सुपुर्द-ए-खाक

डिजिटल डेस्क जबलपुर ।  शहर की अजीमोशान शख्सियत साम्प्रदायिक सद्भाव की मिसाल धर्मगुरु मुफ्ती-ए-आजम मप्र. मौलाना मोहम्मद महमूद अहमद कादरी का गुरुवार सुबह 9 बजे इंतकाल हो गया।  शुक्रवार को घर पर मुफ्ती-ए-आजम के आखरी दीदार करने भारी जन सैलाब उमड़ा। दोपहर नमाज के बाद मुफ्ती-ए-आजम का जनाजा उनके घर से निकला जो कमानिया गेट बड़ा फुहारा होते हुए बलदेव बाग से रानीताल ईदगाह पहुंचा।  जनाजे में हजारों की संख्या में अकीकद मंद शामिल हुए। रानीताल ईदगाह में मुफ्ती आजम मध्य प्रदेश हजरत मौलाना महमूद अहमद कादरी को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा ।
अमन और भाईचारे की मिसाल रहे मुफ्ती-ए-आजम
28 सितम्बर 1929 में जन्मे मुफ्ती-ए-आजम मप्र मौलाना मोहम्मद महमूद अहमद कादरी साहब का मुस्लिम समुदाय  में बहुत ऊंचा दर्जा था। शहर के हर वर्ग, हर मजहब  को मानने वाले उन्हें शांति, अमन, सद््भाव, भाईचारे  की पहल के लिए हमेशा याद रखेंगे। अपने वालिद मुफ्ती-ए-आजम मौलाना बुरहानुलहक के  उत्तराधिकारी के रूप में उन्हे मुफ्ती-ए-आजम  मप्र बनाया गया था। उन्होंने अपने वालिद से मजहबी व हकीमी तालीम में महारत हासिल की थी। मौलाना साहब अनुभवी हकीम थे। सैकड़ों  मरीज उनके इलाज से भले-चंगे हुए। उनके  इंतकाल को मुस्लिम समुदाय के अलावा सभी  समुदाय के लोगोंं ने अपूर्णीय क्षति बताते हुए  शोक व्यक्त किया है।जनाजे में हजारों की संख्या में अकीकद मंद शामिल हुए। रानीताल ईदगाह में मुफ्ती आजम मध्य प्रदेश हजरत मौलाना महमूद अहमद कादरी को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा ।
ट्रैफिक रहा डाइवर्ट सख्त रही सुरक्षा व्यवस्था
जनाजे में लगभग 50000 से अधिक लोगों शामिल हुए। इसके लिए ट्रैफिक पुलिस ने जनाजा मार्ग से जुडऩे वाले सभी रास्तों को डाइवर्ट कर दिया भारी पुलिस बल जनाजा मार्ग पर तैनात किया गया।
सभी वर्गों के लोग हुए शामिल
मुफ्ती आजम मध्य प्रदेश हजरत मौलाना महमूद अहमद कादरी के जनाजे में मुस्लिम समुदाय के अलावा सभी वर्गों और समुदायों के लोग शामिल हुए और मौलाना साहब को अंतिम विदाई दी।

 

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