Jabalpur News: किसान बही लेकर आज भी भटक रहे और मुआवजा दूसरों को बाँट दिया

  • प्लॉट योजना के अनुसार बेचे जाते तो जबलपुर विकास प्राधिकरण को करोड़ों का मुनाफा होता।
  • जेडीए की योजना क्रमांक-31 में दस्तावेजों में हेरफेर का खेल जारी
  • जिन किसानों की जमीन है वे आज भी भटक रहे हैं।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-22 13:40 GMT

Jabalpur News: योजना क्रमांक-31 के नाम पर दस्तावेजों में ऐसा हेरफेर हुआ की जमीन मालिक आज भी जमीन पाने के लिए भटक रहे हैं और बाहरी व्यक्तियों को प्लॉट एलॉट कर दिए गए। अपने दस्तावेज व जमीन की बही लेकर भटक रहे किसान को आज तक मुआवजा नहीं मिल पाया।

उनकी शिकायत की सुनवाई भी नहीं हो रही है। कई किसान भी कोर्ट की शरण में हैं। जेडीए के जिम्मेदार अधिकारी भी उनकी सुनवाई नहीं कर रहे हैं और यहाँ तक की उनसे मिलते तक नहीं हैं। पीड़ितों की मानें तो वे आज भी अपनी बही लेकर भटक रहे हैं। किसानों को मिलने वाला मुआवजा उसी योजना में न देकर दूसरी योजनाओं व नियमों को ताक में रखकर दिए जाने के आरोप शिकायतकर्ताओं के द्वारा लगाए गए हैं।

बेशकीमती योजनाओं में प्लॉट दे डाले

शिकायतकर्ता शैलेन्द्र व प्रशांत का आरोप है कि जेडीए के अधिकारियों ने किसानों को मुआवजा नहीं दिया बल्कि बिल्डरों व दलालों को प्लॉट एलॉट कर दिए। जिन किसानों की जमीन है वे आज भी भटक रहे हैं। किसानों को यह कहते हुए भटकाया जा रहा है कि योजना क्रमांक-31 बंद हो गई और पीछे के दरवाजे से योजना क्रमांक-31 के नाम पर बेशकीमती योजनाओं में प्लॉट एलॉट कर दिए गए हैं।

योजना क्रमांक 41 व 5 में दे दी जमीन

शिकायतकर्ता के अनुसार 31 नंबर योजना में आशीष गोंटिया निवासी बचपन स्कूल, गौरव भुर्रक के नाम की जमीन में मुआवजा स्वरूप नोटराइज चुकता नामा के आधार पर शिवम गुप्ता निवासी महाकाली वार्ड देवरी, अभिषेक शर्मा निवासी राइट टाउन के नाम पर बेशकीमती योजना 5 व 41 में प्लॉट एलॉट कर दिए गए। नियम के अनुसार योजना क्रमांक-31 में ही प्लॉट इन्हें देने थे अगर योजना चालू है तो।

जमीन मालिक को छोड़ दूसरे को दिए प्लॉट

योजना क्रमांक-64 में राजेश कुमार गुप्ता की जमीन थी। यह जमीन योजना में आने के बाद खसरा नंबर 12/2 रकबा 0.790 हेक्टेयर भूमि कि 20 प्रतिशत भूमि समझाैते में प्लॉट विकसित कर इन्हें दी जानी थी पर इन्हें प्लॉट एलॉट न करते हुए दूसरे को इनकी जमीन में प्लॉट दे दिए और इन्हें दो किलोमीटर दूर प्लॉट दिए जाने को कहा जा रहा है। यहाँ तक की इनकी सुनवाई भी जेडीए के अधिकारी नहीं कर रहे हैं।

गार्डन मद की जमीन में दे दिए प्लाॅट

50 मीटर चौड़ी रोड से सटी भूमि में प्लाॅट क्रमांक डी-2, डी-3, डी-4 के रूप में 54 सौ वर्गफीट जमीन एलॉट कर दी, जबकि उन्हें 4107 वर्ग फीट के प्लाॅट दिए जाने थे पर लगभग 13 सौ वर्गफीट अतिरिक्त भूमि एलॉट कर दी, वह भी चौथे व्यक्ति को। भूमि का लीजडीड शैलेष कुमार जैन व कविता जैन (अनंत इंवेस्टमेंट) के नाम पर बनाई गई और जमीन मालिक मुआवजा पाने आज भी भटक रहे हैं।

शासन को पहुँचाई गई करोड़ों की क्षति

योजना क्रमांक 5, 11, 15 व 41 में भूखंड क्रमांक 1319, 1520, 169, डी-5, डी-9, डी-13, डी-16 प्लॉट एलॉट किए गए जो की नियम विरुद्ध थे। यह प्लॉट योजना के अनुसार बेचे जाते तो जबलपुर विकास प्राधिकरण को करोड़ों का मुनाफा होता। अधिकारियों ने अपने आप को बचाने के लिए सरकारी गाइडलाइन का शुल्क जमा कराकर जेडीए को ही करोड़ों की क्षति पहुँचा दी और खुद मालामाल हो गए।

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