Jabalpur Ordnance Factory: दूसरे वर्ल्ड वॉर में इस फैक्टरी में बने बम से जीती गई थी बड़ी जंग, चीन और पाकिस्तान युद्ध में भारतीय सेना को दी मजबूती, 82 साल पहले हुई थी स्थापना
- साल 1942 में हुई थी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की स्थापना
- ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में तैयार हुआ देश का सबसे बड़ा बम
- फैक्ट्री में तैयार होते हैं जंग में काम आने वाले हथिया और बम
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जबलपुर की ऑर्डिनेंस फैक्टरी में जबरदस्त ब्लास्ट हुआ है। जिसकी वजह से वहां काम करने वाले कुछ कर्मचारियों की मौत की खबर भी सामने आ रही है। ये ऑर्डिनेंस फेक्टरी सिर्फ एक कारखाना महज नहीं है। बल्कि जबलपुर को रक्षा शहर की पहचान दिलाने वाली एक इंड्स्ट्री है। जहां ऐसे बमों का निर्माण हुआ है जिसने भारतीय सेना को मजबूती दी है। आपको जानकर ताज्जुब होगा कि इस फैक्टरी में बने बम न सिर्फ हिंदुस्तान की सेना में इस्तेमाल होते रहे हैं बल्कि दूसरे देश की सेना की ताकत भी इससे बढ़ी है।
कब हुई स्थापना
ये ऑर्डिनेंस फैक्टरी जबलपुर के खमरिया नाम के स्थान पर मौजूद है। सेकंट वर्ल्ड वार के समय जब दुनिया दो हिस्सों में बंट कर युद्ध कर रही थी उस समय आयुध की पूर्ति के लिए इस फैक्टरी की स्थापना की गई थी, साल था 1942। उस वक्त इस फैक्टरी को इसलिए स्थापित किया गया ताकि दूसरे देशों को हथियार और गोला बारूत की सप्लाई की जा सके। भारत के आजाद होते ही इसे भारतीय सेना के सुपुर्द कर दिया गया था। इस फैक्टरी ने भारत चीन युद्ध (1962) और भारत पाकिस्तान युद्ध (1971) के दौरान भी अहम भूमिका अदा की थी। उस दौर में यहां बम तैयार किए जाते थे। जिनका इस्तेमाल भारतीय सेना ने किया था।
भारत को मिला सबसे बड़ा बम
आपको बता दें कि, ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में ही देश का सबसे बड़ा और दमदार बम तैयार हुआ है। फैक्ट्री ने भारतीय सेना को 1.9 मीटर लंबा और 500 किलोग्राम का जीपी (GP) बम दिया है। यह बम इतना विनाशकारी है कि कुछ ही सेकंड में दुश्मनों के बड़े और विशाल बंकरो को उड़ा सकता है। जबलपुर की फैक्ट्री में बारूद वस्त्र (Gunpowder Clothing) और बुलेटप्रूफ वाहन ( Bulletproof vehicles) बनाए जाते हैं। साथ ही, समय आने पर भारतीय सेना को प्रदान किया जाता है।
जबलपुर है एमपी का डिफेंस टाउन
जबलपुर को मध्य प्रदेश का रक्षा शहर कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां भारतीय सेना के लिए कई प्रकार के हथियार, बुलेट प्रूफ गाड़ियां और अलग-अलग तरह के बम बनाए जाते हैं। सिर्फ भारतीय जल सेना (Indian Navy) या थल सेना (Army) ही नहीं बल्कि वायुसेना (Air Force) को भी इस फैक्ट्री में तैयार किए गए हथियार उपलब्ध कराए जाते हैं।
2017 में भी हुआ था हादसा
जानकारी के मुताबिक, यह पहली बार नहीं है जब ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बड़ा धमाका हुआ हो। इससे पहली भी साल 2017 में फैक्ट्री में एक बड़ा विस्फोट हुआ था जिसमें दर्जनों लोग बुरी तरह घायल हो गए थे।