मौलाना आजाद महामंडल में 5 साल से बेरोजगारों को नहीं मिला कर्ज
मौलाना आजाद महामंडल में 5 साल से बेरोजगारों को नहीं मिला कर्ज
डिजिटल डेस्क, नागपुर । अल्पसंख्यकों के लिए गठित मौलाना आजाद महामंडल में अनेक अव्यवस्थाएं हैं। महामंडल का गठन अल्पसंख्यक बेरोजगारों को व्यवसाय के लिए कर्ज उपलब्ध कराने के लिए किया गया था, लेकिन पिछले पांच साल से बेरोजगारों को इसका फायदा नहीं हुआ। एक भी बेरोजगार को कर्ज नहीं मिला। विशेष यह कि, राज्य की उपराजधानी कहलाए जाने वाले नागपुर के मंडल कार्यालय में जिला व्यवस्थापक तक नहीं है। स्टाफ की भी भारी कमी है। इस समस्या को लेकर कांग्रेस विचार जनजागृति अभियान के पूर्व पार्षद तनवीर अहमद ने अतिरिक्त जिलाधिकारी श्रीकांत फडके को निवेदन सौंपकर महामंडल की असुविधाओं को दूर करने की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल ने अल्पसंख्यक बेरोजगारों से निवेदन किया है कि शासन की इस योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ ले और कर्ज की राशि की नियमित किस्त भरे ताकि अन्य बेरोजगारों को भी इसका फायदा मिल सके। जिससे अगले वित्तीय वर्ष में महामंडल की राशि में बढ़ोत्तरी की शासन से मांग कर सके। शिष्टमंडल में पूर्व पार्षद तनवीर अहमद, एड. अशोक यावले, वासुदेव ढोक, दिनेश वाघमारे, कृष्णराव परतेकी, देवा उसरे, जोसेफ फ्रान्सिस, आनंदसिंग ठाकुर, प्रकाश शेगांवकर, सुनील ढोलेे, शेख रशीद, राजू मिश्रा, अशफाक कुरेशी, राजू पटेल, नसीम अनवर, सुरेश बामुलकर, भीमराव हाडके, मनोज गुड्डूलवार, हाजी बशीर खान, कुवर मेहरोलीया, संजय शिंदे, विट्ठलराव पुनसे, हेमंत चौधरी, सोहन पटेल, जितेंद्र बोरकर आदि उपस्थित थे।
50 करोड़ का है बजट
महामंडल का बजट 50 करोड़ है, जिसे बढ़ाकर 100 करोड़ करने की मांग की गई है। निवेदन में नागपुर के लिए कर्ज की राशि 5 करोड़ आरक्षित रखने, जिला व्यवस्थापक की नियुक्ति तुरंत करने और उन्हें 2 लाख तक कर्ज देने का अधिकार देने की मांग की गई। कर्ज की राशि 2.50 लाख है, जिसे बढ़ाकर 5 लाख करने और ब्याज की दर कम करके 2 प्रतिशत करने की मांग की। इसके अलावा बेरोजगारों को जानकारी देने के लिए नियमित रूप से विज्ञापन देने और गारंटी किसी भी व्यवसायिक और खाजगी क्षेत्र के व्यक्ति की स्वीकार करने की मांग की।