महात्मा गांधी का अपमान करने वाली निधी चौधरी हों निलंबित-अशोक चव्हाण
महात्मा गांधी का अपमान करने वाली निधी चौधरी हों निलंबित-अशोक चव्हाण
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर नोट से हटाने की मांग कर उनका अपमान करने वाली मुंबई महानगर पालिका की उपायुक्त निधी चौधरी को तत्काल निलंबित कर उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाना चाहिए। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने यह मांग की है। चव्हाण ने कहा कि महात्मा गांधी का अपमान करने वाला यह ट्वीट निंदनीय है। ट्वीट में आईएएस अधिकारी निधी ने नोट से महात्मा गांधी की तस्वीर हटाने, रास्तों और संस्थाओं को दिया गया गांधी जी का नाम हटाने और दुनियाभर में लगी उनकी मूर्तियां गिराने की मांग करते हुए 30-1-1948 के लिए गोडसे को धन्यवाद लिखा था। चव्हाण ने कहा कि इस ट्वीट से उनका वैचारिक स्तर सामने आया है ऐसी विचारधारा पर तुरंत पाबंदी लगाई जानी चाहिए। चव्हाण ने कहा कि देश की स्वतंत्रता की लड़ाई में महात्मा गांधी के योगदान से कोई इनकार नहीं कर सकता। यह देश गांधी के विचारों पर आगे चल रहा है और यहीं विचार देश का भविष्य भी तय करेंगे। कुछ वीकृत लोग बापू के विचारों को खत्म करने का खेदजनक प्रयास कर रहे हैं। महात्मा गांधी को संकुचित नजरों से देखने वाला एक वर्ग है और चौधरी भी इसी का हिस्सा लग रहीं हैं। चव्हाण ने कहा कि पिछले 70 सालों में गांधी के विचारों को खत्म करने की बार-बार कोशिश हुई है। गांधी जी को अपमानित करने का प्रयास भी हुआ है लेकिन ऐसे लोग अब तक अपनी कोशिश में सफल नहीं हुए हैं और आगे भी नहीं होंगे। चव्हाण ने मांग की कि इस मुद्दे पर सरकार अपनी भूमिका स्पष्ट करे। चौधरी के खिलाफ कार्रवाई होगी या नहीं इससे पता चलेगा कि सरकार गांधी के विचारों के साथ है या गोडसे के विचारों के साथ। राकांपा ने भी निधी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
निधी चौधरी की सफाई
ट्वीट को लेकर आलोचना से घिरी निधी चौधरी ने विवादित ट्वीट डिलीट कर दिया और फिर फेसबुक पोस्ट के जरिए सफाई दी है। उन्होंने कहा कि उनका ट्वीट व्यंग्यात्मक था और इसका गलत मतलब निकाला गया। चौधरी ने लिखा कि आज का दिन बड़ा हैरानी वाला है। आज के दिन मेंरे कारण लोग गांधीजी को याद कर रहे हैं। गांधीजी जिन्हें मैं हर दिन याद करती हूं। अनेक वर्षों से मेरा ह्वाट्सएप स्टेटस सत्यमेव जयते हैं और आगे भी रहेगा। अनेक वर्षों से हर 2 ऑक्टोबर को गांधी पर रिचर्ड एटनबरो की फिल्म देखती आई हूं और पिछले कुछ सालों से अपने बड़े बेटे के साथ देखती हूं। साबरमती हो या पोरबंदर, जलगांव में जैन सोलार के यहां गांधीजी का संग्रहालय हो या कोलकाता और चेन्नई के वो घर जहां गांधीजी ने दिन गुजारे थे, राजघाट हो या ऑगस्ट क्रांति मैदान हर जगह गई हूं, ये समझकर कि यही मेरे चारधाम हैं, यही मेरी हज। अनेक बार अपनी गांधीवादी विचारधारा का परिचय देते हुए अनेक पोस्ट और ट्वीट किये हैं ताकि देश की युवा पीढ़ी जो कि सोशल मीडिया पर काफी जागरूक हैं से गांधीजी के मूल्यों पर संवाद साधा जा सके।
अपनी प्रसूति रजा के दौरान भी मुझे गांधीजी की पुण्यतिथि के निमित्त एक चर्चासंवाद में बुलाया गया तब भी मैं गई क्योंकि गांधीजी के बारे में मेरी कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर था। कभी सोचा भी नहीं था कि एक दिन लोग यह समझकर गांधीजी को याद करेंगे कि मैंने उनका अपमान किया। इसीलिए लिख रही हूं कि आप समझें कि जिस ट्वीट को अनर्गल अर्थ दिया जा रहा है वो असलियत में एक व्यंग्यात्मक टिप्पणी है। कृपा करके एक बार शांतमन से नीचे दिये गए ट्वीट को देखें। क्या यह अत्यंत दुःखके साथ लिखी हुई टिप्पणी नहीं है। क्या इसमें पहले वाक्य में ही यह स्पष्ट नहीं हो जाता कि मैं गांधीजी पर सोशल मीडिया व अन्यत्र हो रही नकारात्मक टिप्पणियों से दुःखी होकर ऐसा लिख रही थी। यह ट्वीट 17/5/2019 को किया गया। इस पर लिखी गई सभी टिप्पणियां जिनमें यह कहा गया कि गांधीजी की विचारधाराा अमर रहेंगी मैंने उन्हें पसंद किया है ।
खैर यह कोई पहली बार नहीं है कि मैने महात्मा गांधी के आदर्श विचारों पर कुछ लिखा हो। सिर्फ एक-दो साल के ट्वीट देखेंगे तो जानेंगे कि गांधीजी की विचारधारा को मैं कितना अधिक मानती हूं और चाहती हूं कि 2019 में हम गांधीजी को एक स्वच्छ सुंदर भारत के रूप में श्रद्धांजलि दें। कृपया यह समझें कि वह ट्वीट व्यंग्य था और किसी भी परिस्थिति में गांधीजी का अपमान करने के हेतू से नहीं लिखा गया था। मुझे बहुत ही अधिक दुःख हो रहा है कि इसको गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। यहां विवादित ट्वीट के साथ पिछले कुछ महीनों के ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट्स जोड़ रही हूं जिनसे यह स्पष्ट हो जाएगा कि गांधीजी का अपमान करना तो दूर, इस तरह की सोच रखना भी मेरे लिए संभव नहीं है।