सहकारी बैंक घोटाला : भाजपा-शिवसेना के नेताओं के भी नाम- केसरकर
सहकारी बैंक घोटाला : भाजपा-शिवसेना के नेताओं के भी नाम- केसरकर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक घोटाला मामले में केवल राकांपा नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज नहीं हुआ है। आरोपियों में शिवसेना व भाजपा के नेता भी शामिल हैं। दरअसल कॉ-ऑपरेटिव बैंक के सभी निदेशकों की जांच की जानी है। इसका किसी पार्टी से कोई संबंध नहीं है। यह बात राज्य के गृह राज्यमंत्री दीपक केसरकर ने कही। दूसरी ओर विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि कहा जा रहा है कि यह 25 हजार करोड़ का घोटाला है। जहां तक मेरी जानकारी हैं 25 हजार करोड़ तो बैंक की कुल संपत्ति नहीं है।
सोपल शिवसेना में होंगे शामिल
सोलापुर के राकांपा विधायक दिलीप सोपल ने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। वे बुधवार को शिवसेना में शामिल होने वाले हैं। मंगलवार को सोपल ने विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागड़े को अपना इस्तीफा सौंपा। विधानसभा चुनाव के मौके पर अब तक कांग्रेस-राकांपा के कई विधायक इस्तीफा देकर भाजपा-शिवसेना में शामिल हो गए हैं। सोपल 2004 के चुनाव को छोड़कर 1985 से लगातार विधानसभा पहुंचते रहे हैं। वे युति की पहली सरकार में राज्यमंत्री थे। उसके बाद आघाड़ी सरकार में भी उन्हें मंत्री बनने का मौका मिला था।
शिवसेना नेता के खिलाफ एफआईआर
जमीन दिलाने के नाम पर बुजुर्ग से ठगी करने वाले शिवसेना के उत्तर भारतीय नेता रामप्रसिद्ध दुबे और उसके तीन साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। शिकायतकर्ता के मुताबिक आरोपियों ने फर्जी कंपनी बनाकर उनसे 10 साल पहले मुरबाड इलाके में जमीन देने के नाम पर 1 लाख 23 हजार रुपए लिए। अब तक न जमीन उनके नाम की गई और ना ही पैसे वापस किए गए। आरोप है कि राजनीतिक पार्टी से जुड़ा आरोपी पैसे वापस मांगने पर शिकायतकर्ता और उनके परिवार को अपने रसूख के बल पर प्रताड़ित कर रहा है।
साकीनाका पुलिस ने बरेंद्र नाथ की शिकायत पर दुबे के साथ हरिशंकर वैश्य, अब्बास सैयद और विजय यादव के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 406 और 34 के तहत एफआईआर दर्ज की है। बरेंद्र नाथ ने पुलिस से की शिकायत में कहा है कि साल 2009 में वह वैश्य के संपर्क में आया। वैश्य ने उन्हें बताया कि दूसरे आरोपियों और उनकी रत्नसिद्धी डेवलपर्स कंपनी है। जो जमीनों की खरीदी व बिक्री का व्यवसाय करती है। वैश्य और दुबे उन्हें मुरबाड इलाके के टोकवणे नाका इलाके में ले गए और चार गुंठा जमीन दिखाई। दोनों ने झांसा दिया कि वहां जल्द ही रेल लाइन पहुंच जाएगी और जमीन की कीमत कई गुना बढ़ जाएगी। इसके बाद मुझसे 1 लाख 23 हजार रुपए ले लिए गए लेकिन आरोपियों ने जमीन उनके नाम नहीं की। यही नहीं पैसे वापस मांगने पर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा।