विधान परिषद : मुंबई बाग आंदोलन को पीएफआई से मिले पैसे - विपक्ष

विधान परिषद : मुंबई बाग आंदोलन को पीएफआई से मिले पैसे - विपक्ष

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-12 16:02 GMT
विधान परिषद : मुंबई बाग आंदोलन को पीएफआई से मिले पैसे - विपक्ष

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने मुंबई के नागपाड़ा में हुए मुबंई बाग आंदोलन को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। दरेकर ने कहा कि मुंबई बाग आंदोलन में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसी आंतकी संगठन ने फंडिंग की है। दरेकर ने कहा कि इसी संगठन ने दिल्ली के शाहीन बाग के लिए आर्थिक मदद की थी। गुरुवार को सदन में बजट पर चर्चा के दौरान दरेकर ने कहा कि सीएए और एनआरसी को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सरकार की भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए। इस दौरान सदन में दरेकर के बयान को लेकर कांग्रेस के सदस्यों ने आपत्ति जताई। कांग्रेस के सदस्य शरद रणपीसे ने कहा कि सीएए और एनआरसी से बजट का क्या संबंध है। दरेकर अलग प्रस्ताव के जरिए यह मुद्दा उठा सकते हैं। गौरतलब है कि सीएए का विरोध करने के लिए मुंबई के नागपाडा इलाके में मुस्लिम महिलाएं धरने पर बैठी हैं।  

वहीं विधान भवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में दरेकर ने कहा कि 1.4 करोड़ रुपए पीएफआई द्वारा विभिन्न खातों में जमा कराए गए हैं। इसका उल्लेख एनआईए ने अपने आरोप पत्र में किया है। दरेकर ने कहा कि नेताओं और संस्थाओं के नाम पर करोड़ रुपए जमा किए गए हैं। यह पैसे नकदी, आरटीजीएस, एनइएफटी के माध्यम से जमा कराए गए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के खाते में 77 लाख, इंदिरा जयसिंह के खाते में 40 लाख, दृष्यंत ए. दवे के खाते में 11 लाख, अब्दुल समद के खाते में 3.10 लाख, न्यू जोठी मार्केटिंग कॉर्पोरेशन और न्यू जोठी जनरल प्लास्टिक इंडस्ट्रीज के नाम पर 1.17 करोड़ और पीएफआई कश्मीर के नाम पर 1.65 करोड़ रुपए जमा कराए गए हैं। 

पुलिसकर्मियों को स्वास्थ्य जांच के लिए मिलेंगे 2500 रुपए

इसके अलावा प्रदेश के आईपीएस अफसरों के अलावा पुलिस कर्मियों को नियमित वार्षिक स्वास्थ्य जांच के लिए अब 2500 रुपए दिए जाएंगे। इससे पुलिस अधिकारी और  कर्मचारी 12 प्रकार की स्वास्थ्य जांच करा सकेंगे। विधान परिषद में प्रदेश के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने यह जानकारी दी। देशमुख ने कहा कि फिलहाल कर्मचारियों को वार्षिक स्वास्थ्य जांच के लिए केवल 500 रुपए मिलते हैं। गुरुवार को सदन में शिवसेना सदस्य विलास पोतनीस ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए यह मुद्दा उठाया था। गृहमंत्री देशमुख ने कहा कि राज्य के सेवानिवृत्त पुलिस कर्मचारियों के इलाज के लिए महात्मा ज्योतिबा फुले जनस्वास्थ्य योजना लागू की जाएगी। इस योजना के तहत कांस्टेबल से लेकर सब इंस्पेक्टर (एसआई ) दर्ज तक के सेवानिवृत्त पुलिस कर्मियों और जेल के सेवानिवृत्त पुलिस कर्मचारियों का इलाज हो सकेगा। देशमुख ने बताया कि महाराष्ट्र पुलिस परिवार स्वास्थ्य योजना के तहत 27 आकस्मिक और 5 गंभीर बीमारियों का बिना मूल्य इलाज किया जाता है। इस योजना में अन्य गंभीर बीमारियों को शामिल करने के लिए सरकार सकारात्मक है। इस योजना के तहत साल 2019-20 में 92 करोड़ 59 लाख 98 हजार रुपए खर्च को मंजूरी दी गई थी। देशमुख ने कहा कि ट्रस्ट के अस्पतालों को बीपीएल के मरीजों के लिए 10 प्रतिशत बेड आरक्षित करने के आदेश को सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए जाएंगे। देशमुख ने कहा कि पुलिस कर्मचारियों को इलाज की पूर्ति की राशि 3 से 4 महीने में उपलब्ध कराने के लिए उचित प्रावधान किए जाएंगे। एक सवाल के जवाब में देशमुख ने कहा कि दक्षिण मुंबई के बॉम्बे हॉस्टिपल में इलाज के लिए गए पुलिस सिपाही से डॉक्टर द्वारा एक लाख रुपए मांगने के आरोप में कोई तथ्य नहीं है। क्योंकि साल 2014 में इलाज कराने के छह साल बाद पुलिस कर्मी ने आरोप लगाए हैं। इसके बावजूद सदन के सदस्यों की मांग पर इस मामले में दोबारा जांच कराई जाएगी। 

सहकारी समितियों के चुनाव स्थगित, किसान कर्जमाफी योजना के लिए चुनाव टालने का फैसला

वहीं प्रदेश में जिला सहकारी बैंक, प्राथमिक कृषि पतसंस्था समेत सहकारी संस्थाओं के प्रबंधन समिति का चुनाव स्थगित कर दिया गया है। यह चुनाव जनवरी से जून 2020 के बीच होने थे। बुधवार को विधान परिषद में इससे संबंधित महाराष्ट्र सहकारी संस्था अधिनियम संशोधन विधेयक पारित हो गया। इससे जिला बैंक और सहकारी संस्थाओं के प्रबंधन समिति के चुनाव 6 महीने तक और अधिकतम 12 महीने तक के लिए टाला जा सकता है। प्रदेश के सहकारिता मंत्री बालासाहब पाटील ने कहा कि सरकार की महात्मा ज्योतिबा फुले किसान कर्ज मुक्ति योजना को लागू करने के लिए चुनाव को स्थगित किया गया है। क्योंकि योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए सहकारिता विभाग के कर्मचारी लगे हुए हैं। इससे पहले विधान परिषद में महाराष्ट्र परिचारिक अधिनियम में संशोधन विधेयक को भी मंजूरी मिल गई। इससे महाराष्ट्र राज्य नर्सिंग बोर्ड बनाने का रास्ता साफ हो गया है। 
 

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