विधानसभा : चंद्रपुर में एमआईडीसी के लिए जगह नहीं मिली तो जबरन होगा भूमि अधिग्रहण

 विधानसभा : चंद्रपुर में एमआईडीसी के लिए जगह नहीं मिली तो जबरन होगा भूमि अधिग्रहण

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-12 13:10 GMT
 विधानसभा : चंद्रपुर में एमआईडीसी के लिए जगह नहीं मिली तो जबरन होगा भूमि अधिग्रहण

डिजिटल डेस्क, मुंबई। चंद्रपुर जिले के पोंभुर्णा तालुका के कोसंबी रिठ में प्रस्तावित महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडल (एमआईडीसी) के लिए 19 खातेधारकों की 17.63 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण में परेशानी हो रही है। अधिकारियों की टीम अगले 15 दिन में लोगों से बातचीत कर हल निकालने की कोशिश करेगी। अगर लोग तैयार नहीं हुए तो एमआईडीसी कानून के मुताबिक जबरन अधिग्रहण किया जाएगा। उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा में यह जानकारी दी। भाजपा के सुधीर मुनगंटीवार ने एमआईडीसी निर्माण हो रही देरी से जुड़ा सवाल पूछा था। जवाब में मंत्री  देसाई ने बताया कि 10.75 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है और किसानों को मुआवजा दे दिया गया है। उन्होंने कहा कि बची हुई जमीन बेहद अहम है। अधिग्रहण के एक महीने के भीतर प्रक्रिया पूरी कर काम शुरू कर दिया जाएगा।
जिनिंग प्रेसिंग फैक्री उपलब्ध न होने से 

गडचिरोली में कपास खरीद केंद्र नहीं 

गडचिरोली जिले के सिंरोचा में जिनिंग प्रेसिंग फैक्री उपलब्ध न होने के चलते कपास खरीदी केंद्र नहीं बनाया जा सकता। किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कपास की खरीद के लिए चामोर्शी में व्यवस्था की गई है। यहां इस साल 15 फरवरी तक 6808 क्विंटल कपास खरीदी जा चुकी है। इसके अलावा मिर्ची उत्पादक किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है। विपणन मंत्री शामराव उर्फ बालासाहेब पाटील ने प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा में यह जानकारी दी। भाजपा के कृष्णा गजबे, चंद्रकांत पाटील आदि सदस्यों के सवालों के जवाब में मंत्री पाटील ने बताया कि 157 कपास खरीद केंद्रों में 2874 करोड़ रुपए की कपास खरीदी गई है। इसमें से 2110 करोड़ रुपए किसानों को दे दिए गए हैं और बाकी रकम दिए जाने की प्रक्रिया जारी है। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने निर्देश देते हुए कहा कि सरकार के पास इस साल कहां कितनी फसल होगी इसकी जानकारी होती है। इसलिए अगले साल से नीति बनाई जाए जिससे व्यापारियों की लूट से बचाकर किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलें खरीदी जा सके।

लातूर भूकंप प्रभावितों की मदद पर होगा विचार 

लातूर जिले के औसा तालुका में स्थित कारला और कुमठा गावों में साल 1993 के भूकंप से प्रभावित लोगों को आर्थिक मदद पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। कारला में 1387 और कुंटा में 471 घरों को भूकंप से नुकसान हुआ था। 1166 घरों का वर्गीकरण किया गया था। अ और ब गट के घरों का पुनर्वसन किया जा चुका है। 1995 में प्रभावितों को अनुदान दिया गया था लेकिन मदद का मौजूदा प्रस्ताव नियमों के अनुकूल नहीं है। भूकंप पुनर्वसन मंत्री संजय राठौड ने प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा में यह जानकारी दी। विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस और भाजपा के अभिमन्यु पवार ने इससे जुड़ा सवाल पूछा था। जवाब में मंत्री राठौड ने बताया कि संबंधित जिलाधिकारी से मिले प्रस्ताव की जांच के बाद इस पर बैठक कर सरकार रास्ता निकालने की कोशिश करेगी।  

यवतमाल दलित बस्ती के विकास कार्यों में नहीं हुई लापरवाही

यवतमाल जिले के फुलसवंगी में हुई दलित बस्ती के विकास काम में किसी तरह की कमी नहीं है। शिकायत मिलने के बाद अधिकारियों के एक दल ने यहां का दौरा किया था लेकिन उन्हें जांच के दौरान निकृष्ट दर्जे का काम होने के आरोपों को गलत पाया। सामाजिक न्याय राज्य मंत्री डॉ विश्वजीत कदम ने प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। भाजपा के नामदेव ससाणे ने इससे जुड़ा सवाल पूछा था 
 

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