इलाज के दौरान खुलासा हुआ स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने बेटी का काट दिया नाम
पॉलिसी धारक ने कहा वर्षों से देते आ रहे प्रीमियम इलाज के दौरान खुलासा हुआ स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने बेटी का काट दिया नाम
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। अनेक बीमा कंपनियों ने आम लोगों से लुभावने वादे करते हुए बीमा पॉलिसी बेचकर करोड़ों का मुनाफा कमाया और लाभ का धंधा भी बनाए हुए हैं। जमीनी हकीकत में देखा जाए तो बीमा कंपनियाँ अपने पॉलिसी धारकों के साथ जालसाजी करने में लगी हुई हैं।
बीमितों का आरोप है कि स्टार हेल्थ, मैक्स बूपा, बजाज एलियांज हेल्थ इंश्योरेंस, केयर हेल्थ इंश्योरेंस, चोला एमएस हेल्थ इंश्योरेंस, एचडीएफसी एर्गो जनरल हेल्थ इंश्योरेंस, मणिपालसिग्ना हेल्थ इंश्योरेंस, नेशनल हेल्थ इंश्योरेंस, न्यू इंडिया हेल्थ इंश्योरेंस, ओरिएण्टल हेल्थ इंश्योरेंस, रहेजा क्यूबीई हेल्थ इंश्योरेंस, रॉयल सुंदरम हेल्थ इंश्योरेंस, रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस, यूनाइटेड इंडिया हेल्थ इंश्योरेंस, यूनिवर्सल सोम्पो हेल्थ इंश्योरेंस सहित अनेक कंपनियों ने लाभ देने का वादा करते हुए पॉलिसी आम लोगों को बेची पर जब आम लोगों को अस्पताल में इन कंपनियों की जरूरत पड़ी तो कैशलेस तो दूर की बात अनेक खामियाँ निकालकर क्लेम ही रिजेक्ट करने में बीमा कंपनियाँ लगी हुई हैं। पीड़ितों का आरोप है कि जिम्मेदारों के विरुद्ध प्रशासन के अधिकारियों को सख्त कदम उठाना चाहिए।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ
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साफ्टवेयर अपडेट के नाम पर किया आम लोगों के साथ गोलमाल
लखनऊ अलकनंदा अपार्टमेंट जनेश्वर मिश्रा पार्क सेक्टर-फोर गोमनी नगर एक्सटेंशन निवासी सूर्यकांत तिवारी ने अपनी शिकायत में बताया कि वे पाँच वर्षों से स्टार हेल्थ इंश्योरेंस की पॉलिसी लेते आ रहे हैं। प्रतिवर्ष प्रीमियम भी जमा कर रहे हैं। पॉलिसी में उनका, उनकी बेटी व पत्नी का नाम भी है। पॉलिसी क्रमांक पी/16/122/04/2022/00021 का कैशलेस कार्ड भी दिया गया था। बेटी प्रियमवंदा तिवारी का स्वास्थ्य खराब हो गया था। स्वास्थ्य खराब होने पर परीक्षण कराया गया तो खुलासा हुआ कि किडनी में स्टोन है। चिकित्सकों की सलाह पर ऑपरेशन कराना पड़ा था। ऑपरेशन के पूर्व स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी को सूचना दी गई थी। बीमा कंपनी ने कैशलेस से यह कहते हुए मना कर दिया की बीमित का पॉलिसी में नाम नहीं है।
स्टार हेल्थ को सारे दस्तावेज पॉलिसी धारक ने उपलब्ध कराए तो बीमा अधिकारियों ने साफ्टवेयर अपडेट के दौरान नाम अलग होने की बात कही और गलती स्वीकार करने के बाद भी बीमा कंपनी ने कैशलेस नहीं किया और बिल सबमिट करने पर भुगतान भी नहीं कर रही है। पॉलिसी धारक ने खुलासा किया की यह किसी एक के साथ नहीं किया बल्कि सैकड़ों परिवार के सदस्यों के नाम बीमा कंपनी ने अपडेट के नाम पर अलग किए हैं। यह पूरा गोलमाल जिम्मेदारों के द्वारा किया गया है।