संयुक्त परिवार में सपनों को साकार करना होता है आसान

बागवान संयुक्त परिवार में सपनों को साकार करना होता है आसान

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-08 13:42 GMT
संयुक्त परिवार में सपनों को साकार करना होता है आसान

डिजिटल डेस्क, वर्धा। परिवार में आपसी संगत और प्रेम रहने से खुशियां आती है। परिवार में एकता बनी रही तो देखे गए सारे सपने पूरे हो सकते हैं। यह विचार  एस. टी. डिपो निवासी 75 वर्षीय विमलबाई विट्‌ठलराव विहिकर ने व्यक्त किए। 

Q आपकी जिंदगी का महत्वपूर्ण वह कौन सा पल था, जिसमें आपने सफलता पाई और वह किस तरह आने वाली पीढ़ी को मार्गदर्शन करता है? 

-हम पहले चितोड़ा गांव में रहते थे। वर्धा में 1972 से स्थायी हुए। पति ठेकेदारी का कार्य करते थे। उसके बाद पति को जिला परिषद में नौकरी परिषद में नौकरी लगी।  जिला परिषद में कार्य करते हुए उन्होंने चितोड़ा गांव से वर्धा शहर में प्लॉट लिया और वहां पर घर बनाकर बच्चों की शादी की। तब हम दोनों ने अपने जीवन में सफलता पायी।  हमने अपने बेटों को कोई भी कार्य करने से नहीं रोका। इस कारण तीनों बेटे ने अपने कार्य में सफलता हासिल की है। तीन में से एक की मृत्यु हो गई है। फिर भी आज पूरा परिवार एक साथ रहता है।  

Q  आपने जो जिंदगी में अनुभव प्राप्त किए हैं, वे किस तरह भविष्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं?

-हमें जीवन अथक प्रयास करते रहना चाहिए क्योंकि मंजिल उन्हीं को मिलती है जो मेहनत करते हैं। हर छोटे बड़े कार्य को पूरी ईमानदारी से करना चाहिए। आज मेरे तीनों बेटों में बड़े बेटे की मृत्यु हो गई। बचे दो में से एक नौकरी व दूसरा व्यवसाय कर रहा है। पहले हमने बहुत कष्ट सहा है। उस समय कड़ी मेहनत करने के कारण और बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के कारण आज बच्चे अपने पैरों पर खड़े होकर अपने जीवन को सुगम बनाया है। अच्छे संस्कार के कारण दोनों बेटे अपने क्षेत्र में कामयाब हैं। ईमानदारी से किए गए काम हमें सफलता दिलाते हैं।

Q  अपने शहर, समाज और देश के लिए अब क्या करना चाहते हंै, आज की पीढ़ी को क्या करने की जरूरत है?

-पहले से हम सबके के साथ मिलजुलकर एक साथ रहते आए हैं। हमने हमेशा आस-पड़ोस के बच्चों को पढ़ने की सलाह दी। इस कारण वे आगे गए हैं। यही संस्कार मेरे तीनों बेटों में आए हैं। हमारे बेटे इस समय भी सामाजिक कार्य हो या किसी को कोई मदद हमेशा तत्पर रहते हंै। आस-पास की सामाजिक गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं। जरूरतमंदों की मदद करते हंै। युवा पीढ़ी से मैं यही अपील करूंगी कि सामाजिक गतिविधियों में अपना योगदान दें।
 

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