टोल नाकों पर एम्बुलेंस और आपात स्थिति से जुड़े वाहनों के लिए आरक्षित हो स्वतंत्र लेन
सिफारिश टोल नाकों पर एम्बुलेंस और आपात स्थिति से जुड़े वाहनों के लिए आरक्षित हो स्वतंत्र लेन
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के टोल नाकों पर एम्बुलेंस, आपात स्थिति और महत्वपूर्ण सरकारी व्यक्तियों के वाहनों की आवाजाही के लिए स्वतंत्र रूप से लेन आरक्षित रखा जाए। जिससे यह वाहन टोल नाकों पर ट्रैफिक जाम में फंसे बिना आगे निकल सकेंगे। महाराष्ट्र विधानमंडल की सार्वजनिक उपक्रम समिति ने महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल (एमएसआरडीसी) से यह सिफारिश की है। सार्वजनिक उपक्रम समिति ने बीते दिनों विधान परिषद में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा है कि टोल नाकों पर एम्बुलेंस, आपात स्थिति में वाहनों और महत्वपूर्ण व्यक्तियों के लिए स्वतंत्र लेन न होने से उन्हें टोल नाका पार करने में काफी समय लगता है। एकदम जल्दबाजी की स्थिति में वाहन निश्चित समय में निर्धारित स्थल पर नहीं पहुंच पाते। इसलिए जहां संभव हो सके तथा विशेष रूप से शहरों के पास स्थित टोल नाकों पर उक्त वाहनों के लिए स्वतंत्र लेन आरक्षित रखा जाए। सार्वजनिक उपक्रम समिति ने उक्त सिफारिशों के आधार पर की गई कार्यवाही के बारे में अगले तीन महीने में एमएसआरडीसी को रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
सार्वजनिक उपक्रम समिति ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश में सभी वाहनों में फास्टैग अनिवार्य किया है। इससे टोल नाकों पर फास्टैग के स्कैन के बिना वाहनों को आगे जाने की अनुमति नहीं दी जाती है। यदि किसी वाहन के फास्टैग के स्कैन में देरी होती है तो उसके पीछे वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। इसके मद्देनजर केंद्र सरकार को टोल नाकों पर तकनीकी कारणों से फास्टैग के स्कैन न होने की स्थिति पर संबंधित वाहनों को छोड़ने की अनुमति देने का फैसला तत्काल करना चाहिए। इसके साथ ही सार्वजनिक उपक्रम समिति ने टोल नाकों पर कार्यरत कर्मचारियों को गणवेश उपलब्ध कराने के निर्देश ठेकेदारों को दिया है। समिति ने कर्मचारियों को गणवेश न उपलब्ध कराने वाले ठेकेदारों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की सिफारिश भी की है।