कोरोना के बूस्टर डोज देने की गति बढ़ाओ, स्वास्थ्य सचिव नवीन सोना का निर्देश
मुंबई मनपा के निर्देश कोरोना के बूस्टर डोज देने की गति बढ़ाओ, स्वास्थ्य सचिव नवीन सोना का निर्देश
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना को नियंत्रित करने के लिए टेस्टिंग, ट्रैकिंग, ट्रीटमेंट, वैक्सीनेशन और कोविड प्रोटोकॉल ऐसे पांच सिद्धांतों का उपयोग किया जाना चाहिए। ऐसा निर्देश संबंधित विभागों को देते हुए स्वास्थ्य सचिव नवीन सोना ने मुंबई सहित पूरे राज्य में बूस्टर डोज देने की गति बढ़ाने के लिए भी कहा है। बता दें कि स्वास्थ्य विभाग के सचिव नवीन सोना ने सोमवार को प्रदेश में कोविड मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्थिति की समीक्षा की। इस समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने संबंधितों को कुछ दिशा- निर्देश भी दिए है। ये निर्देश उन्होंने उस समय दिए थे। सचिव सोना ने कहा कि राज्य में कोरोना टेस्टिंग की संख्या बढ़ाई जाए। तीस से कम सीटी वैल्यू वाले मरीजों के नमूने को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा जाना चाहिए। इसके साथ ही बूस्टर खुराक की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। अति गंभीर श्वसन संक्रमण रोगी और इन्फ्लुएंजा के मरीजों की जांच बारीकी से किए जाने का भी निर्देश नवीन सोना ने दिया है। स्वास्थ्य सेवा के निदेशक डॉ. नितिन अंबाडेकर ने कहा कि प्रदेश में अभी तक एपिडेमिक एक्ट लागू है। इसलिए निजी अस्पतालों में जांच की दरें पहले की तरह ही हैं। इस बैठक में स्वास्थ्य आयुक्त धीरज कुमार, स्वास्थ्य निदेशक डॉ. नितिन अम्बेडकर, डॉ. स्वप्निल लाले, संयुक्त निदेशक डॉ. गौरी राठौड़, सहायक निदेशक डॉ. बबिता कमलापुर, उप निदेशक, जिला चिकित्सक, मनपाओं के स्वास्थ्य अधिकारी, जिला परिषद स्वास्थ्य अधिकारी आदि उपस्थित थे।
मुंबई मनपा ने जारी किए निर्देश
मनपा ने अपने ताजा निर्देश में कहा है कि कोविड और इन्फ्लुएंजा के लक्षण एक समान है। अगर 48 घंटे के भीतर व्यक्ति का बुखार नहीं कम हो रहा है तो संबंधित व्यक्ति को प्रोटोकॉल के तहत ओसेल्टामिविर दवा शुरू की जाए। इसके साथ ही इनकी कोरोना जांच भी कराया जाए। आईसीएमआर की गाइड लाइन के मुताबिक सिर्फ कोरोना लक्षण वाले मरीजों की ही टेस्टिंग करनी है। इसके साथ ही कोरोना मरीजों के संपर्क में आने वाले उन्हीं व्यक्ति का कोरोना टेस्ट किया जाना चाहिए जिनमें कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे हैं