नए चेहरे आए पसंद तो गांव में ही पीछे रह गये कई बड़े नेता
पंचायत चुनाव नए चेहरे आए पसंद तो गांव में ही पीछे रह गये कई बड़े नेता
डिजिटल डेस्क,शहडोल। पंचायत चुनाव के पहले चरण में हुए मतदान के बाद जो रुझान सामने आए हैं उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा सहित विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं ही नहीं बल्कि समूचे संगठन की नींद उड़ा दी है। शहडोल जिले के सोहागपुर जनपद क्षेत्र, अनूपपुर जिले में पुष्पराजगढ़ जनपद क्षेत्र और उमरिया जिले में पाली व करकेली जनपद पंचायत में हुए पंच, सरपंच, जनपद सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के लिए हुए चुनाव के बाद आये रुझान बता रहे हैं कि मतदाता की पसंद नए चेहरे हैं। पंचायत प्रतिनिधियों के लिए हुए चुनाव में फस्र्ट फेज में मतदाता नये चेहरों का साथ देता नजर आया है। भाजपा के कई बड़े नेता तो गांव में पंच पद के चुनाव में पीछे रह गए। यही स्थिति कांग्रेस नेताओं की सामने आई। ज्यादातर कांग्रेस नेता जनपद और जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में नये चेहरों को टक्कर नहीं दे सके। कई जगह तो कांग्रेस-भाजपा के बजाय निर्दलीयों के पक्ष में मतदाता जाता दिखा। यह स्थिति अकेले शहडोल जिले में ही नहीं बल्कि संभाग के उमरिया व अनूपपुर जिले में भी सामने आई है।
चिंता में नगरीय निकाय चुनाव में पार्षद पद के उम्मीदवार-
पंचायत चुनाव के पहले चरण के मिले रुझानों ने शहडोल जिले के धनपुरी, खाड़, ब्यौहारी तथा बकहों निकाय क्षेत्र में पार्षद पद हेतु खड़े हुए उम्मीदवारों की नींद उड़ा दी है। अपनी-अपनी पसंद के प्रत्याशी उतार चुकी कांग्रेस तथा भाजपा अंदर खाने में नये सिरे से रणनीति बनाने लगी हैं। सबसे ज्यादा खतरा तो उन वार्डो व निकायों में बढ़ गया है जहां पुराने चेहरों पर दांव खेला गया है। ऐसे स्थानों के प्रत्याशी इस सोच-विचार में लग गए हैं कि वे अपनी ऐसी कौन सी इमेज (छवि) पेश करें जो मतदाताओं की पहली पसंद बन जाए।
अनूपपुर में भाजपा-कांग्रेस को झटका-
अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ जनपद क्षेत्र में प्रथम चरण के चुनाव के बाद जो रुझान आए हैं उससे भाजपा और कांग्रेस दोनों को तगड़ा झटका लगा है। यहां 119 ग्राम पंचायत में हुए चुनाव के रुझान बता रहे हैं कि मतदाताओं को भाजपा के साथ ही कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी भी रास नहीं आए।
उमरिया में कई दिग्गज रह गए पीछे-
उमरिया जिले के पाली व करकेली जनपद क्षेत्र में मिले रुझान बताते हैं कि यहां कई बड़े दिग्गज पीछे रह गए और चुनाव हारने की कगार पर हैं। जिला पंचायत में अध्यक्ष रहीं ज्ञानवती सिंह व उपाध्याय दिवाकर सिंह के साथ ही उमरिया में कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं में शुमार अजय सिंह के चुनाव में पीछे रह जने के संकेत मिले हैं। कमोबेश यही स्थिति भाजपा नेताओं की है, यहां कई भाजपा समर्थित उम्मीदवार पीछे चल रहे हैं।