कोरोना केस बढ़े तो कितनी तैयारी, व्यवस्थाओं को लेकर हुआ मॉक ड्रिल

शहडोल कोरोना केस बढ़े तो कितनी तैयारी, व्यवस्थाओं को लेकर हुआ मॉक ड्रिल

Bhaskar Hindi
Update: 2022-12-28 08:20 GMT
कोरोना केस बढ़े तो कितनी तैयारी, व्यवस्थाओं को लेकर हुआ मॉक ड्रिल

डिजिटल डेस्क,शहडोल। जिले में अभी तक कोरोना के एक भी मामले सामने नहीं आए हैं, लेकिन संक्रमण बढऩे की आशंका के बीच मंगलवार को इस व्यवस्था का मॉक ड्रिल किया गया कि यदि केस बढ़ते हैं तो संसाधन व सुविधाओं की क्या स्थिति है। प्रशासन की मानें तो मुख्यालय स्थित दो बड़े चिकित्सालय जिला अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज में वे सुविधाएं मौजूद हैं, जिनकी जरूरत संक्रमण बढऩे की स्थिति में पड़ सकती है। मेडिकल कॉलेज में 20-20 बेड के आईसीयू एवं जनरल वार्ड आरक्षित कर दिया गया है। 

जिला चिकित्सालय में भी वार्ड बनाया गया है। दोनों स्थानों पर ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। कलेक्टर वंदना वैद्य के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में जिले में मॉक ड्रिल कर कोविड 19 महामारी पर नियंत्रण एवं बचाव के लिये ऑक्सीयजन प्लांजटों सहित अन्य व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया गया। जिला चिकित्सालय में मॉक ड्रिल का निरीक्षण एवं अवलोकन संयुक्त कलेक्टर दिलीप पांडे, सीएमएचओ डॉ. आरएस पांडे तथा वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. मुकुंद चतुर्वेदी द्वारा किया गया।

इसी प्रकार मेडिकल कॉलेज में मॉक ड्रिल का अवलोकन एवं निरीक्षण तथा व्यवस्थाओं का जायजा सीएमएचओ डॉ. पांडे, मेडिकल कॉलेज अधीक्षक डॉ. नागेंद्र सिंह, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. अंशुमन सोनारे तथा मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक डॉ. आकाश रंजन सिंह द्वारा किया गया। सीएमएचओ ने सिविल सर्जन एवं समस्त खंड चिकित्सा अधिकारी को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को चालू कर चेक करने एवं एम्बुंलेंस सहित अन्य  व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये, जिससे कोरोना संक्रमण बढऩे पर सभी व्यवस्था दुरूस्त हों। मेडिकल कॉलेज में 2 एलएमओ 10 एवं 20 केएल एवं ऑक्सीजन प्लांट 960 एलपीएम पीएसए का निरीक्षण कर उन्हें चालू कराकर ऑक्सीजन गुणवत्ता भी परखी गई। जिला चिकित्सालय में दो ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील हैं। जिसमें एक प्लांट 1 हजार एलपीएम एवं 570 एलपीएम तथा 6 केएल एलएमओ स्थॉपित है। उसका निरीक्षण कर उपलब्धता एवं गुणवत्ता परखा गया। 

रोज हो रही सेंपल जांच

मेडिकल कॉलेज में प्रतिदिन औसतन 40 से 45 सेंपलों की जांच की जा रही है। लेकिन जिला चिकित्सालय में अभी तक जांच शुरु नहीं की जा सकी है। अधीक्षक डॉ. नागेंद्र सिंह के अनुसार अभी तक पॉजिटिव केस सामने नहीं नहीं आए हैं। उन्होंने बताया कि लक्षण के आधार पर जांच में कोई फीस नहीं है, वहीं यदि कोई स्वत: जांच कराता है तो पूर्व निर्धारित शुल्क लिया जा रहा है।
 

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