शरद पवार बोले - मुझे तो याद भी नहीं मैं चार बार महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री था

फडणवीस पर निशाना शरद पवार बोले - मुझे तो याद भी नहीं मैं चार बार महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री था

Bhaskar Hindi
Update: 2021-10-13 15:13 GMT
शरद पवार बोले - मुझे तो याद भी नहीं मैं चार बार महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री था

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस के मैं आज भी मुख्यमंत्री हूं वाले बयान पर कटाक्ष किया है। उन्होंने विभिन्न मुद्दों को लेकर फडणवीस पर जमकर निशाना साधा है। बुधवार को राकांपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में पवार ने कहा कि पांच साल मुख्यमंत्री रहने के बावजूद फडणवीस अभी तक भूल नहीं पाए हैं कि वे अब सत्ता में नहीं हैं। फडणवीस को लगता है कि वे मुख्यमंत्री है। यह अच्छी बात है। मैं महाराष्ट्र का चार बार मुख्यमंत्री था पर मुझे याद भी नहीं है। मैं इस कमी को कबूल करता हूं। लेकिन मैंने कभी ऐसा नहीं कहा था कि मैं दोबारा आऊंगा। राकांपा अध्यक्ष ने कहा कि फडणवीस को सत्ता में न आने पाने की वेदना कितनी गहरी है। इससे समझ में आता है। पवार ने फडणवीस को नसीहत देते हुए कहा कि सत्ता आती-जाती रहती है। लेकिन मेरा व्यक्तिगत अनुभव है कि सत्ता जाने के बाद विपक्ष में काम करते समय जब जमीन घूमते हैं कि हमें पता चलता है कि सरकार में रहते हुए किसी योजना के बारे में प्रशासन से मिली रिपोर्ट और जमीनी हकीकत में कितना अंतर होता है। इसके पहले मंगलवार को फडणवीस ने कहा था कि पिछले दो सालों में मुझे कभी महसूस नहीं हुआ कि मैं अब मुख्यमंत्री नहीं हूं। 

मावल में भाजपा वालों ने किसानो को भडकाया था

इस दौरान पवार ने कहा कि फडणवीस का उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा की तुलना महाराष्ट्र में आघाड़ी सरकार के दौरान पुणे के मावल में आंदोलन करने वाले किसानों पर गोलीबारी से करना उचित नहीं है। क्योंकि मावल गोलीकांड मामले में किसानों का सत्ताधारी दलों के खिलाफ कोई रोष नहीं था। किसानों में पुलिस की कार्रवाई से नाराजगी थी। पवार ने कहा कि मावल की घटना में भाजपा के लोगों ने किसानों को भड़काया था। उसके बाद किसानों और पुलिस के बीच हिंसा हुई थी। पवार ने कहा कि फडणवीस को अब मावल के लोगों की मानसिकता जान लेनी चाहिए। 

समीर वानखेडे की भूमिका पर खड़े किए सवाल 

पवार ने मुंबई एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेडे पर भी हमला बोला। पवार ने कहा कि केंद्र सरकार की एनसीबी के मुकाबले राज्य की एजेंसी एंटी नार्कोटिक्स सेल (एएनसी) ने मादक पदार्थों की जब्ती कई गुना अधिक की है। इससे आंशका पैदा होती है कि एनसीबी केवल केंद्र सरकार को दिखाने भर की कार्रवाई कर रही है। पवार ने कहा कि क्रूज पर रेव पार्टी मामले में एनसीबी ने किरण गोसावी को गवाह बनाया है। जो काफी दिनों से फरार थे। इससे साफ होता है कि वानखेडे का संबंध कैसे लोगों के साथ है। पवार ने कहा कि एनसीबी पर लगे आरोपों का स्पष्टीकरण देने के लिए भाजपा के नेता सबसे पहले सामने आते हैं। मुझे पता नहीं कि भाजपा ने यह ठेका कब से लिया है। पवार ने कहा कि फडणवीस ने भी एनसीबी की कार्रवाई का समर्थन किया था। पवार ने कहा कि वानखेडे की मुंबई हवाई अड्डे पर तैनाती थी। मुझे केंद्र सरकार के अफसरों से वानखेडे की कुछ कथा सुनने को मिली है लेकिन मेरे पास उस बारे में अधिक जानकारी नहीं है। इस लिए उस बारे में टिप्पणी नहीं करूंगा।  

चीन पर सरकार से सहयोग की रहेगी भूमिका

पवार ने कहा कि एक ओर भारत और चीन के बीच की वार्ता लगातार विफल हो रही है। दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर में आंतकी हमले हो रहे हैं। इसलिए इस मामले में सभी दलों को एक सामूहिक भूमिका अपनाने  की आवश्यकता है। मैं इस संबंध में दिल्ली में जाकर अन्य सहयोगियों से चर्चा करूंगा। चीन के मुद्दे पर केंद्र सरकार की जो भी भूमिका रहेगी उस पर विपक्ष की ओर से सहयोग किया जाएगा। पवार ने कहा कि बीते महीने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व रक्षा मंत्री के नाते मुझे और पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटनी को बुलाकर भारत -चीन सीमा की स्थिति को लेकर ब्रीफिंग की थी। इसके बाद हमने तय कहा था कि देश हित में सीमा मामले में हम लोग सरकार की भूमिका के साथ खड़े रहेंगे। पवार ने कहा कि मुझे पाकिस्तान की भूमिका को लेकर चिंता है। जम्मू-कश्मीर में हो रही घटनाओं को लेकर चीन की भागीदारी बढ़ती नजर आ रही है। भारत की सीमाएं चीन से घिरी हुई हैं। 


 

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