हाईकोर्ट के आदेश - जिला न्यायालय में फौरन पॉवर बैकअप दिया जाए
हाईकोर्ट के आदेश - जिला न्यायालय में फौरन पॉवर बैकअप दिया जाए
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में जिला न्यायलय में व्याप्त असुविधाओं का मुद्दा उठा। इसके पूर्व 11 जून को लिफ्ट में फंसने से तीन महिला अधिवक्ताओं की हालत खराब हो गई थी। वक्त पर मदद मिलने के कारण उनके प्राण बच सके। प्रभारी प्रधान व जिला सत्र न्यायाधीश विभा इंगले ने पत्र लिखकर हाईकोर्ट को पूरे घटना की जानकारी दी। इधर याचिकाकर्ता एड.मनोज साबले के अधिवक्ता श्रीरंग भंडारकर ने भी कोर्ट में अर्जी दायर की, जिसमें उन्होंने जिला न्यायालय में व्याप्त असुविधाओं और जरुरी सुविधाओं की पूर्ति का मुद्दा उठाया। इसमें पॉवर बैकअप, स्ट्रेचर, डॉक्टर, नर्स, व्हील चेयर, फायर इस्टिंग्यूशर्स और एंबुलेंस जैसी सुविधाएं बहुत जरूरी हैं। इस पर हाईकोर्ट ने पीडब्ल्यूडी विभाग को फौरन जिला न्यायालय में पॉवर बैकअप उपलब्ध कराने के आदेश दिए। इसके अलावा अन्य सुविधाएं कब तक उपलब्ध कराई जाएंगी, 18 जून तक इस पर विस्तृत जवाब मांगा है। इस अर्जी में याचिकाकर्ता ने कोर्ट परिसर में पार्किंग की समस्या का भी मुद्दा उठाया है। अगली सुनवाई में इस पर आदेश जारी होने की संभावना है।
यह है मामला
याचिकाकर्ता एड. मनोज साबले ने विदर्भ के विविध न्यायालयों की अव्यवस्था के मुद्दे इस याचिका में उठाए हैं। याचिकाकर्ता की दलील है कि, जिला न्यायालय परिसर में जगह की इतनी कमी है कि, यहां आपातकाल में न्यायालय परिसर में फायर ब्रिगेड या एंबुलेंस तक दाखिल नहीं हो सकती। सिविल लाइंस स्थित जिला न्यायालय में पार्किंग की समस्या है। जगह कम है और वाहन अधिक। इसके समाधान के लिए न्यायमंदिर परिसर में पार्किंग प्लाजा बनाने की मांग लंबे समय से उठाई जा रही है। सिविल लाइंस स्थित भवन को वर्ष 1976 में जिला न्यायालय के लिए हस्तांंतरित किया गया था। उस वक्त लगभग 600 वकील थे। आज यह संख्या 6 हजार के करीब पहुंच गई है। ऐसे में सुविधाओं में बढ़ोतरी के लिए नागपुर खंडपीठ के कार्यक्षेत्र में आने वाले विभिन्न जिला न्यायालय की सुविधाओं में सुधार करने का मुद्दा जनहित याचिका में उठाया गया है।