बिना लाइसेंस बना रहा था हैंडवाश, 15 रुपए का हैंडवॉश 100 रुपए में बेचते पकड़ाया
बिना लाइसेंस बना रहा था हैंडवाश, 15 रुपए का हैंडवॉश 100 रुपए में बेचते पकड़ाया
डिजिटल डेस्क, नागपुर। हैंडवॉश की कालाबाजारी करने वाले एक विक्रेता पर अन्न व औषधि विभाग ने बुधवार को दोपहर में कार्रवाई की है। सहायक आयुक्त डॉ. पी. बल्लाड के नेतृत्व में औषधि निरीक्षक मोनिका धवड़ ने सीताबर्डी पुलिस के साथ मिलकर कार्रवाई की है।
अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, बर्डी स्थित गुरुकृपा ट्रेडर्स के संचालक अजय भोजवानी के पास कॉस्मेटिक उत्पाद बनाने व बेचने का लाइसेंस नहीं है। बावजूद वह अपनी कंपनी में हैंडवॉश बनाकर लेबल के साथ बेच रहा था। 10 से 15 रुपए में बनने वाले इस हैंडवॉश को 100 रुपए तक बेचा जा रहा था। नियमानुसार, इस उत्पाद को बनाने व बेचने के लिए अन्न व औषधि विभाग से लाइसेंस लेना जरूरी है। बगैर उक्त लाइसेंस तीन महीने से वह हैंडवॉश की कालाबाजारी कर रहा था। टीम ने छापामार कार्रवाई कर कुल 20 हजार का माल जब्त किया है। छानबीन चल रही है।
जांच जारी है
बर्डी के उपरोक्त विक्रेता द्वारा बगैर लाइसेंस हैंडवॉश बनाए जा रहे थे। ऐसे में छापामार कार्रवाई कर 20 हजार के हैंडवॉश जब्त किए गए हैं। जांच चल रही है। -डॉ. पी. बल्लाड़, सहायक आयुक्त, अन्न व औषधि विभाग नागपुर
मास्क खरीदी- बिक्री के चक्कर में महिला को ढाई लाख की चपत
मास्क खरीदी-बिक्री की आड़ में महिला व्यापारी को ढाई लाख की चपत लगाई गई। मास्क भेजने का झांसा देकर महिला से ढाई लाख रुपए ऐंठ लिए गए। घटित प्रकरण के उजागर होने से राजस्थान के एक व्यापारी के खिलाफ बुधवार को एमआईडीसी थाने में प्रकरण दर्ज किया गया है।
कल्याण नगर नागपुर निवासी मोली कुट्टी बाबुमोन मत्थ्यु (55) है। मोली की प्रीमियर ट्रेडिंग कंपनी है।
कोरोना वायरस की वजह से शहर में मास्क की काफी मांग बढ़ गई है, इसकी कालाबाजारी भी हो रही है। मास्क की भारी मांग होने के कारण मोली ने 11 मार्च 2020 को ऑनलाइन इंडिया मार्ट बिजनेस टू बिजनेस कंपनी से संपर्क किया। जिससे राजस्थान के उदयपुर निवासी मनोज सांगवी नामक व्यक्ति ने मोली को वीडियो कॉलिंग और वाट्सएप पर मास्क के सैंपल भेजे। इसके बाद मोली ने 3 हजार मास्क मनोज से भेजने की बात की। एडवांस के तौर पर मनोज द्वारा बताए गए बैंक खाते में 50 हजार रुपए जमाकर दिए, लेकिन मनोज का कहना था कि जब तक उसे माल की पूरी रकम 2 लाख 62 हजार रुपए नहीं मिलते तब तक वह माल नहीं भेजेगा।
इधर शहर में मास्क की किल्लत होने से ब्लैक में मास्क बिक रहे थे, जिससे मोली चाहती थी कि मास्क जल्दी से जल्दी मिले। कोरोना की वजह से ही मोली ने भी इतनी बड़ी संख्या में मास्क मंगाए थे, लेकिन रुपए भेजने के इतने दिनों बाद भी मनोज ने मोली को मास्क नहीं भेजे थे। वह बार-बार मनोज को फोन करती रही, लेकिन उसे कोई जवाब नहीं मिल रहा था। इस बीच मोली ने अपने रुपए वापस मांगे। मनोज रुपए वापस करने में भी टालमटोल करता रहा। खुद के ठगे जाने का एहसास होने पर मोली ने मामले की शिकायत की। प्रकरण दर्ज किया गया है। साइबर सेल की मदद से आरोपी मनोज की लोकेशन पता की जा रही है, जांच जारी है।