सरकार ने नहीं दिए मिड डे मील के 32 करोड़ 94 लाख रुपए
वर्धा सरकार ने नहीं दिए मिड डे मील के 32 करोड़ 94 लाख रुपए
डिजिटल डेस्क, वर्धा। शालाओं के विद्यार्थियों को पोषण आहार का वितरण किया जाता है। कोरोना की अवधि में जिले के विद्यार्थियों को दो माह का पोषण आहार नहीं मिला। इस कारण शासन ने इन विद्यार्थियों को पोषण आहार के बदले दो माह के पैसे देने का निर्णय लिया था। इसके अनुसार जिले के विद्यार्थियों को 32 करोड़ 94 लाख रुपए देने वाले थे, लेकिन यह राशि अब तक शासन की ओर प्रलंबित है। जिले में 1 हजार 229 जिला परिषद शाला है। इन शालाओं में करीब 90 हजार विद्यार्थी हैं। इन विद्यार्थियों को शासन के नियमों के अनुसार मिड-डे भोजन दिया जाता है। कोरोना के प्रकोप के कारण शालाएं बंद थे। इस अवधि में शासन की ओर से विद्यार्थियों को घर पहुंच पोषण आहार दिया गया। इस अवधि में मई व जून दो माह का विद्यार्थियों को शासन की ओर से अनाज की आपूर्ति नहीं किए जाने से इस अनाज के बजाए विद्यार्थियों को पैसे देने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय के अनुसार दो माह के प्रति विद्यार्थी 183 रूपए देने का निर्णय लिया गया। यह दो माह के पैसे विद्यार्थियों के बैंक खाते में सीधे जमा किए जाने वाले थे। एेसे में अनेक विद्यार्थियों ने बैंक में खाते खोले थे। इस निर्णय को अब 6 माह की अवधि बीत गई है, लेकिन शासन की ओर से अब तक इस निधि के बारे में कोई कार्यवाही नहीं होने का दिखाई दे रहा है। इस कारण विद्यार्थियों को दो माह के पोषण आहार के पैसों से वंचित रहना पड़ा है। दो माह के मिड डे मील की राशि विद्यार्थियों के बैंक खाते में जमा की जाने वाली है। इसकी जानकारी विद्यार्थियों के पालकों को थी। शासन ने इस संदर्भ में लिए गए निर्णय को करीब 6 माह की अवधि बीत गई है। इस कारण यह राशि कब मिलेगी, यह सवाल पालकों की ओर से शिक्षकों से किया जा रहा है, लेकिन इस पर पालकों को क्या उत्तर दिया जाए शिक्षकों के सामने यह सवाल बना हुआ है।