धन अटकने से जागी सरकार, 1 अप्रैल से पहले बंद करने होंगे निजी व सहकारी बैंकों के खाते

धन अटकने से जागी सरकार, 1 अप्रैल से पहले बंद करने होंगे निजी व सहकारी बैंकों के खाते

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-16 08:48 GMT
धन अटकने से जागी सरकार, 1 अप्रैल से पहले बंद करने होंगे निजी व सहकारी बैंकों के खाते

डिजिटल डेस्क,  नागपुर। ‘यस’ बैंक में रखा सरकारी ‘धन’ अटकने के बाद हड़बड़ा कर नींद से जागी सरकार ने सभी सरकारी विभाग, सार्वजनिक उपक्रम और महामंडलों को एक अप्रैल 2020 से पहले निजी और सहकारी बैंकों में खोले गए खाते बंद करने का आदेश दिया है। इन बैंकों से रकम निकालकर तुरंत राष्ट्रीयकृत बैंकों में निधि हस्तांतरित करने को कहा है। अब देश के सिर्फ 11 राष्ट्रीयकृत बैंकों में ही सरकारी विभागों से संबंधित खाते खोले जाएंगे। 13 मार्च को राज्य सरकार ने एक परिपत्रक जारी कर विभागों को एक सूची भी जारी की है। जिसमें 11 राष्ट्रीयकृत बैंकों के नाम दिए गए हैं। इसमें भारतीय स्टेट बैंक, इंडियन बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक, कार्पोरेशन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बडोदा है। अब सरकारी विभाग या उपक्रम इन बैंकों के अलावा कहीं और खाता नहीं खोले सकते हैं। 

मनपा, विद्यापीठ सहित अनेक विभागों का अटका है पैसा 
पिछले सप्ताह यस बैंक आर्थिक संकट में आने से देशभर के लाखों निवेशकों का पैसा फंस गया है। लाखों निवेशकों का पैसा डूबने के साथ सरकारी विभागों के भी करोड़ों रुपए बैंक में फंस गए हैं। नागपुर महानगरपालिका का 95 करोड़, नागपुर विद्यापीठ का 193 करोड़, महावितरण का 100 करोड़ रुपए से अधिक पैसा यस बैंक में फंस गया है। यह नाममात्र उदाहरण है, लेकिन कई ऐसे विभाग हैं, जिनके नाम अब तक सामने नहीं आए हैं। इन विभागों के भी करोड़ों रुपए यस बैंक में फंसे हुए हैं। पैसा फंसने से सरकारी विभागों का आर्थिक नियोजन गड़बड़ा गया है। पैसा फंसने से कुछ विभागों के वेतन सहित सेवानिवृत्ति वेतन भी अटक गया है। विभाग नई योजनाएं भी शुरू नहीं कर पा रहे हैं। यही स्थिति राज्यभर में सरकारी विभागों की है। 

अपनी-अपनी सुविधा अनुसार खोले गए थे खाते
इससे पहले राज्य सरकार ने सरकारी विभागों को अपनी-अपनी सुविधा अनुसार बैंक खाते खोलने की छूट दी थी, इसलिए अनेक विभागों ने सहकारी और निजी बैंकों में नियम व शर्तों के अधीन रहकर करार किया था। इन बैंकों में ज्यादातर वेतन व पेंशन योजना के खाते खोले गए थे। इन बैंकों से संबंधित विभागों के कर्मचारियों को वेतन और पेंशन मिल रही थी। अनेक विभागों ने अपनी दैनिक वसूली से जमा होने वाली राशि बैंक में जमा करना शुरू की थी, लेकिन अचानक यस बैंक घाटे में आने से सभी विभागों का नियोजन गड़बड़ा गया है। ऐसे में सरकार ने सभी विभागों को 1 अप्रैल 2020 के पहले सहकारी और निजी बैंकों में खाता बंद करने के निर्देश जारी किए हैं।  
 

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