स्टूडेंट को थमाया बंद स्कूल का प्रवेश-पत्र, भविष्य पर मंडरा रहा खतरा
स्टूडेंट को थमाया बंद स्कूल का प्रवेश-पत्र, भविष्य पर मंडरा रहा खतरा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। आरटीई एडमिशन प्रोसेस में गड़बड़ी और खामियां विगत दिनों सामने आने के बाद इसमें सुधार की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन आरटीई की खामियां थमने का नाम नहीं ले रही है। वैसे तो आरटीई प्रवेश प्रक्रिया में लापरवाही के लिए शिक्षा विभाग शुरू से ही चर्चा में रहा है। अब आरटीई के तीसरे राउंड में एक विद्यार्थी को बंद स्कूल का प्रवेश-पत्र दिए जाने का प्रकरण सामने आया है। 24 जुलाई को विद्यार्थी को प्रवेश-पत्र दिया गया। दूसरे दिन विद्यार्थी को लेकर पालक संबंधित स्कूल पहुंचे। स्कूल का दरवाजा बंद था। आस-पास के नागरिकों से पूछताछ करने पर पता चला कि यह स्कूल तो काफी दिन पहले बंद हो चुका है। आरटीई अंतर्गत प्रवेश आवंटित किया गया स्कूल बंद रहने से संबंधित विद्यार्थी पर शिक्षा से वंचित रहने की नौबत आ गई है। इसके पूर्व भी आरटीई एडमिशन को लेकर बवाल मचता रहा है लेकिन प्रशासन द्वारा इसकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लेने के आरोप लग रहे हैं।
शिक्षा विभाग कटघरे में
बताया जाता है कि आरटीई प्रवेश प्रक्रिया अंतर्गत आरयाना अश्फाक खान को बीडगांव स्थित नित्यानंद इंग्लिश स्कूल के नाम प्रवेश-पत्र दिया गया। गट शिक्षणाधिकारी के अधीनस्थ कमेटी ने दस्तावेजों की पड़ताल कर उसे प्रवेश-पत्र दिया। प्रवेश पत्र लेकर पालक दूसरे दिन स्कूल पहुंचे। स्कूल के दरवाजे पर ताला लगा था। यह देख पालक को धक्का लगा। उन्होंने आस-पास के नागरिकों से पूछा। नागरिकों ने बताया कि स्कूल बंद हो चुका है। आरटीई अंतर्गत प्रवेश-पत्र हासिल होने के बाद भी प्रवेश नहीं मिलने से निराश पालक लौट गया। विद्यार्थी के प्रवेश से वंचित रह जाने से शिक्षा विभाग फिर एक बार कटघरे में आ गया है।
शिक्षा के अधिकार का हनन
बंद स्कूल विद्यार्थी को आवंटित किया गया, यह शिक्षा विभाग की लापरवाही है। उसे शिक्षा से वंचित रखना शिक्षा के अधिकार का हनन है।
-मो. शाहिद शरीफ, वेरिफिकेशन ऑफिसर, आरटीई वेरिफिकेशन कमेटी