1.39 करोड़ की धोखाधड़ी: अब जिला अस्पताल की बदलने लगी व्यवस्थाएं
आरोपों से जोडक़र देखा जा रहा मामला 1.39 करोड़ की धोखाधड़ी: अब जिला अस्पताल की बदलने लगी व्यवस्थाएं
डिजिटल डेस्क,कटनी। पांच युवकों से 1.39 करोड़ की धोखाधड़ी मामले की आंच जिला अस्पताल तक पहुंचने लगी है। इसके पीछे बड़ा कारण है कि पूरे वारदात का मुख्य आरोपी अर्पित वर्मा है, जो सिविल सर्जन डॉ. यशवंत वर्मा का भतीजा है। वहीं विगत एक सप्ताह के दौरान जिला अस्पताल में हुए घटनाक्रम ने हाई प्रोफाइल धोखाधड़ी के मामले से जुड़ते दिख रहे हैं। 2 मई को कर्मचारियों के इधर उधर करने के सिविल सर्जन के आदेश ने चर्चाओं को बल दे दिया है। कर्मचारी व डॉक्टर अंदरखाने इस पूरे घटनाक्रम को धोखाधड़ी से जोडक़र देख रहे हैं। कारण है कि अर्पित वर्मा अपनी फर्म के माध्यम से जिला अस्पताल में दवा सप्लाई से लेकर कूलर व एसी सप्लाई तक काम कर चुका है। जिसकी फाइल लेखा शाखा से होकर गुजरी है। जिसके चलते संदिग्ध कर्मचारियों को इधर उधर किया गया है। हालांकि, कोई व्यक्ति खुलकर बोलने को तैयार नहीं है।
इधर, पुलिस बयान दर्ज करने तक सिमटी
वहीं धोखाधड़ी के इस पूरे घटनाक्रम में पुलिसिया जांच भी सवालों के घेरे में है। सप्ताहभर से ज्यादा समय गुजर जाने के बाद भी पुलिस बयान दर्ज करने की खानापूत में लगी हुई है। अभी तक पुलिस इस बात का खुलासा तक नहीं कर सकी कि स्वास्थ मंत्री का लेटर हेड सही है या फर्जी है? आरोपी अर्पित वर्मा से ज्यादा पूछताछ शिकायतकर्ताओं से देखने को मिलती है। बुधवार को भी शिकायतकर्ताओं को पुलिस ने तलब किया था। हालात ये है कि पुलिस बयान दर्ज करने तक में सीमित है और उधर जिला अस्पताल में रेगुलर फंड (संचलनालय), एनएचएम व आरकेएस में बदलाव शुरू हो गया है।
7 कर्मचारी इधर से उधर
सिविल सर्जन डॉ. यशवंत वर्मा ने मंगलवार को आदेश जारी करते हुए सात कर्मचारियों को इधर से उधर किया है। इसमें केएल भूमिया सहायक ग्रेड 2 को पेंशन शाखा में लाया गया है। इनके ऊपर लेखा शाखा की और ऑडिट की जिम्मेदारी थी। इसी तरह एक्स-रे संबंधित काम देखने वाले निमरोद मसीह को वाहन शाखा में भेजा गया है। एनएचएम लेखा शाखा से अरूण कोष्ठा को एनएचएम स्थापना शाखा ले जाया गया है। आदित्य कुमार मिश्रा औषधि क्रय संबंधि कार्य देखते थे, इन्हे भी हटा दिया गया है। अब ये ई-औषधि के ऑन लाइन पेमेंट को देखेंगे। दीपक दुबे लेखा शाखा में सहायक के रूप में पदस्थ थे। इन्हे दवा वितरण कार्य में लगा दिया गया है। प्रेमलता सिंह को लेखा शाखा में डाटा इंट्री ऑपरेटर की और भृत्य राहुल रजक को संदेशवाहक की जिम्मेदारी दी गई है।
एनएचएम में एक कर्मचारी का इस्तीफा
एनएचएम में पदस्थ अब्दुल हक इस्तीफा देकर चले गए हैं। इनके इस्तीफा को मार्च से जोडक़र बताया जा रहा है। लेकिन, सूत्रों की माने, तो अप्रैल माह में भी वे जिला अस्पताल से जुड़े थे। उन्हे एनएचएम में खरीदी व सप्लाई आदि की जानकारी थी। उनका इस्तीफा भी दबाव की राजनीति माना जा रहा है।
इनका कहना है
कर्मचारियों को इधर उधर करने व 1.39 करोड़ के धोखाधड़ी के विषय में कुछ नहीं कह सकता। चिकित्सक हड़ताल पर हैं, मैं अकेले ड्यूटी में हूं। मुझे रातभर ड्यूटी करना है।
-डॉ.यशवंत वर्मा, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल, कटनी