नारायण राणे ने आत्मकथा में बताई, क्यों छोड़ी शिवसेना, हर पड़ाव का किया उल्लेख
नारायण राणे ने आत्मकथा में बताई, क्यों छोड़ी शिवसेना, हर पड़ाव का किया उल्लेख
डिजिटल डेस्क,मुंबई। मराठी और अंग्रेजी में प्रकाशित पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने आत्मकथा में शिवसेना छोड़ने और कांग्रेस में शामिल होने के कारणों का उल्लेख किया है। राणे ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि बाला साहेब नहीं चाहते थे कि मैं शिवसेना छोडूं। मगर उद्धव ठाकरे ने बाला साहेब को धमकी दी थी कि यदि राणे को शिवसेना में रोका गया तो मैं घर छोड़ कर चला जाऊंगा। राणे की आत्मकथा ‘झंझावात’ का विमोचन समारोह आयोजित किया गया। अपनी आत्मकथा में राणे ने यह भी लिखा है कि उद्धव ठाकरे किस तरह से शिवसैनिकों को परेशान करते थे।
आत्मकथा में उन्होंने शिवसेना छोड़कर कांग्रेस में जाने और कांग्रेस छोड़ अपनी नई पार्टी महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष की स्थापना के बारे में विस्तार से लिखा है। राणे के अनुसार उस दिन मैंने मातोश्री जाकर बाला साहेब को बताया कि साहेब अब मैं शिवसेना छोड़ रहा हूं। उस वक्त वे कुछ नहीं बोले। पर दूसरे दिन उन्होंने मुझे फोन कर बुलाया। वे नहीं चाहते थे कि मैं शिवसेना छोड़ कर जाऊं। लेकिन जब यह बात उद्धव ठाकरे को पता चली तो उन्होंने धमकी दे दी कि राणे को पार्टी में रोका गया तो मैं घर छोड़ कर चला जाऊंगा।
कांग्रेसियों ने हराया उप चुनाव
आत्मकथा में राणे ने बांद्रा उपचुनाव लड़ने और लगातार दूसरी बार विधानसभा चुनाव में मिली हार का उल्लेख करते हुए लिखा है कि किस तरह मुझे खत्म करने के लिए कांग्रेस नेताओं ने ही मुझे हराने का कार्य किया। इस प्रसंग में उन्होंने कांग्रेस के उत्तरभारतीय नेता व पूर्व मंत्री कृपाशंकर सिंह व मुंबई कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष संजय निरुपम के प्रति भी नाराजगी जताई है। उपचुनाव में मिली हार के बाद दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात और राहुल द्वारा राणे को विधान परिषद में भेजे जाने के प्रस्ताव का उल्लेख करते हुए राणे ने लिखा है कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने किस तरह मुझे विधान परिषद में भेजने का विरोध किया।