घुटने के ऑपरेशन के लिए पहले कहा- करेंगे कैशलेस, अब तो क्लेम भी नहीं दे रहे
आरोप: स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी कर रही पॉलिसीधारकों के साथ जालसाजी घुटने के ऑपरेशन के लिए पहले कहा- करेंगे कैशलेस, अब तो क्लेम भी नहीं दे रहे
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। बीमा कंपनियाँ किस तरह आम लोगों को परेशान करती हैं, इसके रोज ही नए-नए राज खुलकर सामने आ रहे हैं। अस्पताल में कैशलेस करने से इनकार कर दिया जाता है और जब पॉलिसीधारक पूरे दस्तावेजों के साथ क्लेम करता है तो उनमें अनेक गलतियाँ निकाली जाती हैं। गलतियों को सुधरवाकर जब पॉलिसीधारक देते हैं तो जल्द क्लेम देने का वादा तो किया जाता है पर अचानक पुरानी बीमारी का हवाला देकर नो क्लेम का लैटर बीमित के घर भेज देते हैं। यह गोलमाल किसी एक पॉलिसीधारक के साथ नहीं किया जा रहा है, बल्कि सैकड़ों लोगों के साथ ऐसा ही बर्ताव बीमा कंपनियों के क्लेम डिपार्टमेंट, सर्वेयर टीम के सदस्यों के द्वारा किया जाता है। अब तो प्रीमियम जमा कराने के बाद पॉलिसीधारक को पॉलिसी ही नहीं दी जा रही है। पॉलिसी नहीं मिलने के कारण पॉलिसीधारक परेशान हैं और अधिकारियों से बात करते हैं तो किसी तरह का उचित जवाब उनके द्वारा नहीं दिया जा रहा है। मेल पर भी बीमा कंपनी के अधिकारी जवाब नहीं दे पा रहे हैं।
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सात साल पुरानी पॉलिसी है बीमित की
हरियाणा महेन्द्रगढ़ निवासी अंकित कुमार ने अपनी शिकायत में बताया कि स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से पिछले सात साल से पॉलिसी का संचालन करते आ रहा है। बीमित लगातार प्रीमियम भी जमा कर रहा है। पॉलिसी क्रमांक पी/161131/01/2023/003463 का कैशलेस कार्ड यह कहते हुए उपलब्ध कराया गया था कि हमारी कंपनी लिंक अस्पताल में पूरी तरह कैशलेस इलाज कराती है। बीमित को पॉलिसी की कभी भी जरूरत नहीं पड़ी पर सातवें वर्ष घुटने में दिक्कत आने के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती होने के दौरान बीमा कंपनी को कैशलेस के लिए मेल किया गया था।
पहले बीमा कंपनी ने कैशलेस के लिए स्वीकृति दे दी थी। बीमित ने अपने घुटने की सर्जरी कराई और छुट्टी के लिए अस्पताल के प्रबंधन ने कहा तो पीड़ित ने बीमा कंपनी में मेल करने की सलाह दी। बीमा कंपनी को अवगत कराते हुए इलाज का भुगतान करने के लिए मेल किया गया तो बीमा अधिकारियों ने यह कहते हुए कैशलेस से इनकार कर दिया कि हम इस इलाज का भुगतान नहीं कर सकते हैं। बिल सबमिट करने पर ही पूरा भुगतान किया जाएगा। बीमित ने सारे तथ्य दिए और हवाला भी दिया कि हमारी पॉलिसी को सात साल हो गए हैं इसलिए आप कैशलेस करें और सभी बीमारी भी तीन साल बाद कवर होती है। उसके बाद भी स्टार हेल्थ इंश्योरेंस के अधिकारी मानने के लिए तैयार नहीं हैं। पीड़ित का आरोप है कि बीमा कंपनी के द्वारा जालसाजी की जा रही है। पीड़ित अब न्याय पाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का दरवाजा खटखटाएगा।