ठगों के झांसे में आकर किसान को बेचनी पड़ी जमीन, 19 लाख की चपत
ठगों के झांसे में आकर किसान को बेचनी पड़ी जमीन, 19 लाख की चपत
डिजिटल डेस्क, नागपुर। ठगों के जाल में फंसे किसान को अपनी खेती बेचनी पड़ी। ठगों ने उसके दोनों पुत्रों को सरकारी नौकरी लगा देने का झांसा देकर 19 लाख रुपए ठग लिए। घटना उजागर होने पर ठग कंपनी के चार मित्रों के खिलाफ गणेशपेठ थाने में प्रकरण दर्ज कर लिया गया। अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है। मामले में और भी चौंकाने वाले खुलासे होने की संभावना है।
गोंदिया जिले के कावरा निवासी नूतनलाल नागपुर (53) पेशे से किसान हैं। उन्हें अनिल और सुनील नामक दो बेटे हैं। शिक्षा पूरी होने के बाद बेटों के साथ नूतनलाल भी अपने स्तर पर उनके लिए नौकरी की तलाश कर रहा था। इसी बीच गांव के ही सिन्नू नामक लड़के ने नूतनलाल को बताया कि, नागपुर में बांजगी इंटर नेशनल प्राइवेट लिमिटेड़ नामक कंपनी है। इस कंपनी के संचालक आशीष महाजन की मंत्रालय से लेकर कई सरकारी विभागों के आला अधिकारियों से जान-पहचान है।
रुपए लेकर वह नौकरी लगा देने का काम करता है। इसके बाद सिन्नू से आशीष का फोन नंबर लेकर नूतनलाल ने उससे फोन पर बात की, तो आशीष ने नौकरी लगा देने की हामी भरी। यह बात 23 सितंबर-2017 से 23 जुलाई-2019 के बीच की है। इस बीच आशीष ने नूतनलाल को मिलने के लिए नागपुर बुलाया। स्थानीय मध्यवर्ती बस स्टैंड के पास शेतकरी भवन के समीप नूतनलाल और आशीष की मुलाकात हुई। नूतनलाल के दोनों बेटे अनिल और सुनील को सरकारी नौकरी लगाने की बात पक्की हुई। एडवांस के तौर पर नूतनलाल ने आशीष को एक लाख रुपए नकद दिए। इसके बाद किश्तों में अभी तक 13 लाख 60 हजार रुपए आशीष और उसके साथी रूपेश, सौरभ, प्रशांत और बंटी मेडके को दिए जा चुके हैं, लेकिन रुपए देने के बाद भी नूतनलाल के पुत्रांे को नौकरी नहीं लगी।
नौकरी दिलाने का दिया झांसा
नूतनलाल का विश्वास हासिल करने के लिए आरोपी आशीष महाजन ने उसकी कंपनी के जरिए करीब 200 बेरोजगारों को नौकरी दिलाने की जानकारी नूतनलाल को दी थी। उनमें से चार-पांच लड़कों से नूतनलाल को मिलवाया भी था। उन लड़कों ने भी आशीष के जरिए नौकरी मिलने और वह एक-एक लाख रुपए वेतन मिलने की बात नूतनलाल को बताई थी। यह लड़के आशीष के ही साथी थे, जो नूतनलाल को फांसने की योजना के तहत आशीष के कहने पर झूठी कहानी नूतनलाल को सुना रहे थे। झांसे में आने पर नूतनलाल ने अपनी खेती बेच दी और आरोपियों को नौकरी लगाने के लिए रुपए दिए। इस बीच ठगे जाने का एहसास होने पर प्रकरण की शिकायत की गई। जांच-पड़ताल के दौरान ठगे जाने की पुष्टि होने पर आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया। जांच जारी है।